नई दिल्ली। Unique Initiative : आखिरकार राजनीति में किसी व्यक्ति के आने का अंतिम मकसद क्या होता है। क्या लोग सिर्फ स्वार्थ पूर्ति और पैसे कमाने के लिए ही राजनीति में आते हैं या फिर लोगों के अंदर जनकल्याण का जज्बा होता है, इस वजह से वह एक राजनेता बनते हैं। कुछ नेताओं को देखकर यह महसूस होता है कि अभी भी राजनीति में जन कल्याण की सोच जीवित है, तभी तो बहुत से जरूरतमंद इस संकट के दौर में पेट भर भोजन कर सुकून से सो पा रहे हैं।

देश की राजधानी दिल्ली में एक बहुत बड़ी आबादी रहती है। इस आबादी को अपना पेट भरने के लिए मेहनत करनी पड़ती है। बहुत से ऐसे लोग हैं जो रोजी मजदूरी करके अपना गुजारा चलाते हैं और लॉकडाउन के दौर में उनके पास काम नहीं है, पैसे नहीं हैं, आर्थिक तंगी चल रही है। ऐसे लोगों को पेट भर भोजन मुहैया कराने की जिम्मेदारी उठाई है उत्तर दिल्ली के सांसद और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने।
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गौतम गंभीर एक उम्दा दर्जे के क्रिकेटर हैं। खेल की दुनिया में उन्होंने खूब नाम और शोहरत कमाई, इसके बाद वे राजनीति में आए और अब देश की राजधानी दिल्ली के एक हिस्से से सांसद हैं। एक युवा नेता के रूप में गौतम गंभीर की छवि दिल्ली में बेहद खास है। गौतम लोगों की तकलीफों को समझते हैं और उनका बेहतर समाधान करते हैं। अपने नेता की यही खूबी लोगों को भा रही है। गौतम ने देखा कि इस दौर में लोगों को खाने- पीने की दिक्कतें हो रही हैं। आर्थिक तंगी है ऐसे में उन्होंने एक बहुत शानदार कदम उठाते हुए एक ऐसा रेस्टोरेंट्स स्थापित कराया है जहां सिर्फ एक रुपए में लोगों को भरपेट भोजन कराया जाता है। ‘एक आशा जन रसोई’ में भोजन की क्वालिटी भी बेहद शानदार और स्वाद भी बिल्कुल घर जैसी। लोग पूरी तरह संतुष्ट होकर यहां अपना पेट भरते हैं और अपने चहेते नेता गौतम गंभीर की तारीफ करते दिखते हैं।