नई दिल्ली। कश्मीरी अलगाववादी आतंकी और टेरर फंडिंग के आरोपी यासीन मलिक को पटियाला हाउस कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है।यासीन मलिक साल 2019 से तिहाड़ जेल में बंद है। जिस वक्त उसे सजा सुनाई जा रही थी, वह शांत था और अपने हाथ में अपने रिकॉर्ड से जुड़ी एक फाइल पकड़े हुए था।
जम्मू कश्मीर में एक समय आतंक का पर्याय बने अलगाववादी नेता और आतंकी यासीन मलिक के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने उसके द्वारा किए गए गंभीर अपराधिक कृत्यों को देखते हुए उसे उम्र कैद की सजा सुनाई।

टेरर फंडिंग के आरोपी यासीन मलिक ने इससे पहले अदालत में अपना गुनाह स्वीकार कर लिया था। उस पर धारा 20, धारा 124 ए देशद्रोह, यूएपीए की धारा 16 आतंकवादी गतिविधि, 17 आतंकी गतिविधि के लिए फंडिंग, 18 आतंक की साजिश रचना और 20 के तहत आतंकी संगठन चलाने जैसे गंभीर आरोप हैं। इनमें से धारा 124 ए के तहत उसका अपराध अभी कोर्ट में साबित नहीं हो पाया।
एनआईए कोर्ट में वकीलों ने यासीन मलिक के लिए फांसी की सजा की मांग की थी, लेकिन तमाम सबूतों और गवाहों को देखते हुए उसे उम्र कैद की अधिकतम सजा सुनाई गई। साथ ही उसे 1000000 का जुर्माना भी अदा करना होगा।
यासीन मलिक पाकिस्तान की शह पर जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग का काम लंबे समय से कर रहा था। फोर्स के दो अधिकारियों कि उसने नृशंस हत्या की थी, इसके अलावा भी कई हत्याओं में वह शामिल रहा है। कश्मीरी पंडितों के खिलाफ लगाई गई आग में यासीन मलिक का बड़ा हाथ था।
यासीन मलिक को सजा सुनाए जाने की खबर से श्रीनगर में एक बार फिर टुकड़े-टुकड़े और अलगाववादी गैंग एकजुट हो रहे हैं और पत्थरबाजी का माहौल बना रहे हैं। पुलिस और सेना ऐसे हालात से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। दंगे, फसाद और उत्पाद की आशंका को देखते हुए श्रीनगर में इंटरनेट सेवा अस्थाई रूप से बंद कर दी गई है।