सुकमा। Sukma News: छत्तीसगढ़ राज्य के सुकमा जिले में दिन मंगलवार को हजारों ग्रामीणों ने कलेक्टर का किया घेराव। ग्रामीणों का आरोप है कि कलेक्टर विनीत नंदनवार ग्रामिणों का समस्या नहीं सुनते हैं।
इसी के विरोध में सर्व आदिवासी समाज के लोग कलेक्टर को हटाने की मांग को लेकर आंदोलन पर उतर आए। हजारों संख्या की भीड़ को पुलिस भी नहीं रोक पाई और कलेक्ट्रेट परिसर के मुख्यद्वार को तोड़कर ग्रामीण अंदर घुस गए। जहां जमकर नारेबाजी भी की गई।
सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने कहा कि, 11 मार्च को समाज के कुछ सदस्य विभिन्न समस्याओं को लेकर कलेक्टर से मिलने के लिए पहुंचे। काफी देर तक इंतजार करवाने के बाद भी कलेक्टर विनीत नंदनवार उनसे नहीं मिले। जिसके बाद ग्रामीणों में विनीत नंदनवार के प्रति जमकर गुस्सा आया। मंगलवार को कोया, गोंड, मुरिया, माड़िया, धुरवा, कलार, धाकड़ गांव समेत सर्व आदिवासी समाज के सभी लोग इकठ्ठा होकर कलेक्टर को हटाने की मांग को लेकर आंदोलन पर उतरे।

सर्व आदिवासी समाज के सदस्यों ने कहा कि, सुकमा जिले के डीएमसी श्यामसुंदर सिंह चौहान उर्फ बबलू चौहान से भी लोग नाराज हैं। वे अपने पद से ज्यादा कलेक्टर के तौर पर काम करते हैं। सर्व आदिवासी समाज ने मांग की है कि श्यामसुंदर चौहान को उनके मूल पदस्थापना में वापस भेज दिया जाए।
ग्रामीणों की मांग
- तेंदूपत्ता संग्राहक कर्ताओं को नगद भुगतान कर 100 गड्डी का 700 रुपए दिया जावे ।
- रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत लंबित मजदूरी भुगतान जल्द किया जाए।
- आदिवासी के नाम से फर्जी जाति पर कार्यरत शासकीय कर्मचारियों को तत्काल बर्खास्त किया जाए।
- पांचवी अनुसूची क्षेत्र में गैर संवैधानिक रूप से बनाए गए तीन नगर पंचायत जिनमें सुकमा, दोरनापाल और कोंटा को पुनः ग्राम पंचायत बनाया जाए।
- जिले में ईसाई मिशनरी आदिवासियों को बहला-फुसलाकर जबरन धर्मांतरण करवा रहे हैं। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई करें।
- सुकमा जिले में हजारों बेकसूर आदिवासियों को नक्सलियों के नाम पर जेल भेजा गया है, इस मामले की निष्पक्ष जांच कर जल्द से जल्द रिहा किया जाए।
- एड्समेट गोली कांड में मारे गए निर्दोष आदिवासियों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए।
- सरकार के शर्तों के अनुसार बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिया जाए।
- वन अधिकार अधिनियम 2006 को पूर्ण रुप से लागू कर समुदायिक अधिकार दिया जाए।
- पांचवी अनुसूची क्षेत्र में पेसा कानून अतिशीघ्र लागू किया जाए।
- सुकमा के सुपनार गांव से विदेशी शराब दुकान तत्काल बंद किया जाए।
- वहां पर सुकमा के मूल आदिवासियों का देवस्थल है।
- जिले में शिक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए बेहतर शिक्षा के लिए जिले के मूल निवासरत लोगों को शिक्षक पात्र/ वैकल्पिक व्यवस्था शिक्षादूत के रूप में बेरोजगारों को भर्ती किया जाए।