Solar Eclipse : सूर्य ग्रहण भारत में केवल अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के कुछ हिस्सों में ही सूर्यास्त से कुछ समय पहले दिखाई देगा। यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा और यह खगोलीय घटना तब होती है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाते हैं।
अरुणाचल प्रदेश में दिबांग वन्यजीव अभयारण्य के पास से शाम लगभग 5:52 बजे इस खगोलीय घटना को देखा जा सकेगा। वहीं, लद्दाख के उत्तरी हिस्से में, जहां शाम लगभग 6.15 बजे सूर्यास्त होगा, शाम लगभग छह बजे सूर्य ग्रहण देखा जा सकेगा।
उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया के बड़े क्षेत्र में सूर्य ग्रहण देखा जा सकेगा। भारतीय समयानुसार पूर्वाह्न 11:42 बजे आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और यह अपराह्न 3:30 बजे से वलयाकार रूप लेना शुरू करेगा तथा फिर शाम 4:52 बजे तक आकाश में सूर्य अग्नि वलय (आग की अंगूठी) की तरह दिखाई देगा।
इस साल सूर्य ग्रहण, वट सावित्री व्रत और शनि जयंती दोनों ही एक ही दिन है। इसलिए लोगों में वट सावित्री व्रत और शनि जयंती की पूजा को लेकर असमंजस की स्थिति है। ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देता उसका असर नहीं माना जाता है। इसलिए इस ग्रहण का कोई असर नहीं माना जाएगा और मंदिरों पर पूजा पाठ करने पर मनाही नहीं होगी। इसके अलावा पूरे दिन वट सावित्री व्रत और शनि जयंती की पूजा पाठ किए जा सकेंगे।