नई दिल्ली। Social media: पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान में पिछले साल अगस्त माह में हुए तख्तापलट और सत्ता में तालिबान के काबिज होने के बाद वहां उपजे आर्थिक संकट और खाद्यान्न संकट से निपटने के लिए भारत और पाकिस्तान ने उसे सहायता की पेशकश की थी। इस सहायता स्वरूप दोनों देशों की ओर से अफगानिस्तान को गेहूं भेजे गए थे। भारत ने गेहूं के अलावा दवाइयां और कई अन्य रसद सामग्री और चिकित्सा उपकरण अफगानिस्तान को सहायता स्वरूप भेजे थे। इसके अलावा अब पाकिस्तान ने भी अफगानिस्तान को गेहूं की सहायता उपलब्ध कराई है।

भारत की ओर से अफ़ग़ानिस्तान भेजे गए गेहूं की खेप वहां पहुंच चुकी है और इस सहायता को प्राप्त करने के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान की जनता की ओर से भारत के इस कदम की प्रशंसा की है और उन्हें आभार व्यक्त किया। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान की ओर से भेजी गई मदद को अफगानिस्तान धोखा ठहरा रहा है। तालिबान के एक प्रवक्ता की ओर से जारी एक बयान में यह बात सामने आई है कि पाकिस्तान द्वारा भेजा गया गेहूं क्वालिटी विहीन और यह खाने योग्य नहीं बताया गया है।
इस तरह की सहायता को लेकर अफगानिस्तान अब पाकिस्तान की जमकर आलोचना कर रहा है। एक तालिबानी अधिकारी ने पाकिस्तान के गेहूं की गुणवत्ता को खराब बताया है। अधिकारी का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है, जिसमें वो पाकिस्तानी गेहूं की खराब गुणवत्ता के बारे में बात कर रहा है।
इसके अलावा, इस रिपोर्ट में अब्दुलहक ओमेरी नाम के एक अफगान पत्रकार ने वायरल वीडियो को कैप्शन के साथ ट्वीट किया है। जिसमे उन्होंने खुलासा किया कि पाकिस्तान का भेजा गया गेंहू खाने योग्य नहीं है।
भारत ने पिछले महीने मानवीय सहायता के रूप में अफगान लोगों को गेहूं की आपूर्ति शुरू कर दी है। एक समझौता प्रस्ताव के बाद पाकिस्तान के रास्ते भारत अफगानिस्तान को मानवीय मदद भेज रहा है। भारत द्वारा भेजे गए गेहूं की पहली खेप 26 फरवरी को पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान के जलालाबाद पहुंची है।
बता दें कि पाकिस्तान के लिए भेजी जा रही इस मानवीय सहायता में भी अफगानिस्तान अपनी ओर से अड़ंगा लगाने और कमीशन खाने की कोशिश में जुटा हुआ था। भारत से पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान तक ट्रकों के माध्यम से गेहूं भेजे जाने के लिए पाकिस्तान ने भारत सरकार के सामने अपने ट्रकों से गेहूं का ट्रांसपोर्टेशन हुआ कुछ अन्य शर्तें रखी थीं, जिन्हें भारत सरकार ने मानने से इनकार कर दिया था। इसके बाद पाकिस्तान बिना शर्तों के अफगानिस्तान के ट्रकों के जरिए सीमा से गेहूं आपूर्ति पर अपनी सहमति दे दी थी। इसके बाद अफगानिस्तान तक सहायता भेजी जा सकी।
भारत ने आर्थिक संकट से जूझ रहे देश को मानवीय सहायता में 2,500 मीट्रिक टन गेहूं भेजा था। इस शिपमेंट को 50 ट्रकों के काफिले के माध्यम से अमृतसर से रवाना किया गया।