रायपुर। SCERT : Chhattisgarh : राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, छत्तीसगढ़ (एससीईआरटी) (SCERT) की कक्षा पहली की हिंदी की पाठ्यपुस्तक के एक पाठ को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। छत्तीसगढ़ के प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने इसके खिलाफ मोर्चा खोलते हुए एनसीईआरटी से इस पाठ को पाठ्यक्रम से हटाने की मांग की है। एसोसिएशन के सदस्यों का मानना है कि यह पाठ बच्चों में बाल श्रम का बोध कराता है।
दरअसल राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, छत्तीसगढ़ (SCERT) द्वारा प्रकाशित की गई पहली कक्षा की हिंदी की पाठ्यपुस्तक के प्रथम पाठ में एक कविता को शामिल किया गया है जिसका शीर्षक “आम की टोकरी” है।
इस शीर्षक के साथ प्रकाशित कविता की पंक्तियां इस प्रकार हैं….”छह साल की छोकरी, भरकर लाई टोकरी। टोकरी में आम है, नहीं बताती दाम है। दिखा-दिखाकर टाेकरी, हमें बुलाती छोकरी। हमको देती आम है, नहीं बताती नाम है। नाम नहीं अब पूछना, हमें आम है चूसना।” साथ में एक छोटी बच्ची की ग्राफिक्स तस्वीर लगी है जिसमें उसे टोकरी थामे दिखाया गया है।
इन पंक्तियों के बाद टीचर्स के लिए भी अनुदेश लिखें है, जो इस प्रकार हैं-
बच्चों से बातचीत करें- क्या तुम किसी ऐसे बच्चे को जानते हो जो बाजार में कोई सामान बेचता है! पता लगाओ कि वह स्कूल जाता है या नहीं। यदि वह बच्ची या बच्चा नहीं जाती। जाता है तो स्कूल में उसका नाम लिखवाने में तुम कैसी मदद करोगे।
चित्र में लड़की आम बेचने का अभिनय कर रही है। बच्चों से अलग-अलग चीजों जैसे-आम, नीबू, केला, गन्ना, मूंगफली, सेब और दवा की गोली खाने का अभिनय करवाएं। अभिनय के लिए कुछ और गतिविधियां सोचें तथा कक्षा में करवाएं।
पाठ्यक्रम की इस कविता और शिक्षकों के लिए दिए गए इस अनुदेश से प्राइवेट स्कूल प्रबंधन पूरी तरह से नाखुश हैं। उनका मानना है कि यह पाठ और पाठ्यक्रम से जुड़ी गतिविधियां बच्चों को बाल श्रम की ओर प्रेरित करने वाली हो सकती हैं।
छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने एसोसियेशन की तरफ से इस संबंध में एससीईआरटी को पत्र भेजकर यह पाठ पाठ्यक्रम से हटाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि आम की टोकरी शीर्षक से यह कविता बच्चों को पढ़ाई जा रही है। यह कविता प्रथम द्ष्टया न उत्कृष्ट है, ना ही कोई शिक्षा दे रही है, ना ही कोई सकारात्मक संदेश दे रही है। यह पूरी तरह से बाल श्रम को अच्छा दिखाने का प्रयास है, जो सर्वथा उचित नहीं प्रतीत होता है।