नई दिल्ली। (हिमांशु शर्मा) Russia Ukraine war: भारत की मजबूत विदेश नीति और वैश्विक समुदाय में उसके बढ़ते दबदबे की वजह से अब भारत एक ऐसे देश के रूप में स्थापित हो गया है जो वैश्विक स्तर पर उपजी किसी अशांत परिस्थिति को सुलझाने के लिए निर्णायक के तौर पर काम कर सकता है।
इन दिनों दुनिया रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के साथ तीसरे विश्व युद्ध की आशंका के दौर से गुजर रही है। ऐसे में पूरी दुनिया की नजर अब भारत पर है। युद्ध की विभीषिका से बाहर निकलने के लिए बुद्ध के देश से दुनिया की उम्मीद बंध रही है। रूस के विदेश मंत्री सरगेई लावरोव ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि इन परिस्थितियों में भारत चाहे तो वह रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता कराकर युद्ध को रोक सकता है।

रूस के विदेश मंत्री सरगेई शुक्रवार को नई दिल्ली दौरे पर पहुंचे और इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करीब 40 मिनट तक लंबी बातचीत की। इस दौरान उन्होंने रूस और यूक्रेन के युद्ध के पूरे परिदृश्य से प्रधानमंत्री मोदी को वाकिफ कराया, साथ ही उनसे परिस्थितियों को सुलझाए जाने के लिए मार्गदर्शन मांगा। उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी इस विषय पर लंबी चर्चा की।
ऐसा माना जा रहा है कि अब भारत की ओर से आधिकारिक तौर पर रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता के लिए प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर कोई पहल की जाएगी। पिछले दिनों के परिदृश्य को देखें तो रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ने के बाद से अब तक नाटो के सदस्य देशों सहित रूस व उससे जुड़े देशों के कई विदेश मंत्रियों सहित राजनयिकों ने भारत की यात्रा की है।
दुनिया का कोई भी देश यह नहीं चाहता कि युद्ध की आग और देशों तक फैले, क्योंकि इसका सीधा मतलब है विश्व युद्ध का आगाज होना। जहां तक आग फैली है उसे रोकने के लिए पूरी दुनिया के देश कोई हल तलाश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रभावशाली व्यक्तित्व को देखते हुए पूरी दुनिया के नेताओं को इस बात की उम्मीद दिख रही है यदि भारत की ओर से मध्यस्थता कराने को लेकर पहल की गई तो इसके सार्थक परिणाम आ सकते हैं और यह युद्ध रोका जा सकता है। इससे पहले रूस और यूक्रेन के बीच इस्तांबुल में बातचीत का दौर चला था, जिसके कोई विशेष नतीजे निकल कर सामने नहीं आ पाए हैं।
भारत की विदेश नीति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में पिछले कुछ वर्षों के दौरान लगातार मजबूती हासिल की है। इसी मजबूत विदेश नीति की वजह से आज शायद भारत ही पूरी दुनिया में एक ऐसा देश है जिसके संबंध दो ध्रुवों में बंट गए सभी देशों से बेहद अच्छे और दोस्ताना हैं।