Rajyasabha: कार्यकाल पूरा होने पर राज्यसभा के 72 सदस्यों को दी गई विदाई, प्रधानमंत्री ने कहा- आपके अनुभव आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा देते रहेंगे

Rajyasabha: कार्यकाल पूरा होने पर राज्यसभा के 72 सदस्यों को दी गई विदाई, प्रधानमंत्री ने कहा- आपके अनुभव आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा देते रहेंगे

नई दिल्ली। Rajyasabha: गुरुवार को राज्यसभा के 72 सदस्यों का 6 वर्ष का कार्यकाल समाप्त हुआ। इस अवसर पर एक समारोह आयोजित कर सभी सदस्यों को विदाई दी गई। विदाई समारोह में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जटिल समस्याओं को हल करने में अनुभव की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वरिष्ठ सदस्यों और उनके अनुभव की कमी सदन को खलेगी।


श्री मोदी ने इन सदस्यों के अनुभव की सराहना करते हुए कहा कि उन्‍होंने संसद के उपरी सदन में लंबा समय बिताया है जहां उनके जीवन में बहुत महत्‍वपूर्ण बदलाव आया है। प्रधानमंत्री ने इन सदस्यों से आग्रह किया कि वे अपने अनुभवों का उपयोग देश हित में करें।

श्री मोदी ने कहा कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और ऐसे में सभी की जिम्मेदारी होती है क‍ि वे देशहति में अपना योगदान दें। उन्होंने सदस्यों से आजादी का अमृत महोत्सव के माध्यम से आने वाली पीढ़ी को प्रेरित करने का आग्रह किया। सदस्यों के अनुभवों और योगदान की सराहना करते हुए सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि इन सदस्यों को संसदीय प्रणाली का काफी अनुभव प्राप्‍त हैं।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सदस्‍य मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदस्‍यों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि राजनेता कभी सेवानिवृत्त नहीं होते हैं और वे हमेशा देश की सेवा करते रहते हैं।
उपासभापत‍ि हरिवंश ने कहा कि सदस्यों के अनुभव आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा देते रहेंगे। जिन सदस्‍यों का कार्यकाल समाप्‍त हो रहा है उनमें से एक प्रसन्ना आचार्य ने कहा कि संसद महान आंदोलन की प्रमुख गवाह है। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई ऐतिहासिक विधेयकों को पारित होते देखा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का मतलब बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक दोनों है।

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