रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज बड़ा हाल, आशीर्वाद भवन, बैरन बाजार, रायपुर में आयोजित उपनयन संस्कार के कार्यक्रम में शामिल हुए। प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 जून 2022 को झा परिवार के द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इसमें बटुक को आशीर्वाद प्रदान करने के लिए श्री दूधाधारी मठ एवं श्री शिवनारायण मठ पीठाधीश्वर राजेश्री महन्त जी महाराज उपस्थित हुए। उन्होंने बटुक चिरंजीव हर्षित को आशीर्वाद प्रदान कर उनके मंगलमय जीवन की कामनाएं की। अपने संदेश में राजेश्री महन्त जी महाराज ने कहा कि सनातन धर्मावलंबियों में सोलह संस्कार बताए गए हैं। इनमें उपनयन संस्कार सर्वाधिक महत्वपूर्ण संस्कारों में से एक है।

क्या है उपनयन संस्कार का महत्व ?
उपनयन दो शब्दों से मिलकर बना है, उप का अर्थ है समीप और नयन का अर्थ ले जाना अर्थात इस संस्कार से संस्कारित होने वाले को आचार्य के समीप ले जाना। इससे संस्कारित होकर बटुक ब्राह्मणत्व को प्राप्त करता है। उन्हें गायत्री मंत्र की दीक्षा दी जाती है और वह यज्ञोपवीत धारण करता है। इस के संदर्भ में धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि- उपनयन संस्कारस्य तदर्थत्वात। विद्यार्थमुपाध्यायस्य समीपमानीयते। अर्थात उपनयन संस्कार के द्वारा विद्यार्थी विद्यार्जन के लिए आचार्य के समीप आता है।
उल्लेखनीय है कि इस गरिमामई कार्यक्रम में राजेश्री महन्त जी महाराज के अतिरिक्त आचार्य इंदु भवानंद जी महाराज, छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी, सभापति प्रमोद दुबे,पार्षद मृत्युंजय दुबे तथा श्रीमती गीतांजलि नितिन कुमार झा, श्रीमती डॉक्टर शोभना निर्मल चंद्र मिश्रा, श्रीमती वैशाली अरुण जी, श्रीमती प्रियंका अमित मिश्रा, श्रीमती हरप्रीत प्रियांशु मिश्रा तथा मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव हर्ष दुबे सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित हुये।