Social opinion: समाज में आपसी भाषा और व्यवहार का स्वरूप लगातार बदलता रहा। के बदलाव के क्रम को अगर देखें तो हम हमने समय के साथ भाषा को और उन्नत और संपन्न बनाया, लेकिन ऐसा लग रहा है कि समय के चक्र के साथ भाषा के विध्वंस का दौर भी शुरू हो रहा है।
शब्दों में अमर्यादित भाषा का प्रयोग अब व्यापक पैमाने पर होने लगा है। बात बात पर गालियां देना बहुत से लोगों की आदत बनती जा रही है। मौखिक रूप से दी जाने वाली गालियां शब्दों का रूप लेकर सोशल मीडिया में गंदगी फैला रही हैं। समाज और आने वाली पीढ़ी पर इसका नकारात्मक असर अभी से दिखने भी लगा है। समस्या बड़ी गंभीर है। अगर इसी तरह चलता रहा तो हमारी आने वाली पीढ़ियां क्या सीखेंगे और उनके दौर में विकृत हो चुकी भाषा का स्वरूप कैसा होगा। यह वास्तव में चिंतन का विषय है और समाज के प्रबुद्ध वर्ग को इस विषय में नैतिक रूप से सोचने की जरूरत है। जो लोग बात बात पर गालियां देते हैं, सार्वजनिक जगहों पर अप शब्दों का इस्तेमाल करते हैं और लिखित रूप में गंदी अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हैं उनका उपचार जरूर होना चाहिए।
बदलाव के दौर में लोग मोरल और एथिक्स को भूलते जा रहे हैं। सोशल मीडिया के प्रभाव से अभद्र भाषा शैली का तेजी के साथ विस्तार होने लगा है। यहां तक कि कुछ तथाकथित न्यूज़ पोर्टल और यूट्यूब न्यूज़ चैनल भी खबरों के नाम पर भी अभद्र भाषा का प्रयोग करता किया जाता है, जो पत्रकारिता की गरिमा के बिलकुल खिलाफ है।

इस विषय पर एक गंभीर चिंतन प्रस्तुत करते हुए छत्तीसगढ़ के एक पुलिस अधिकारी ने सोशल मीडिया पर एक लेख लिखकर पोस्ट किया है। इस लेख में हल्की-फुल्की भाषा का प्रयोग करते हुए मजाकिया अंदाज में बेहद गंभीर बात कही गई है। इस लेख को आप ऊपर दिए गए प्रोफाइल लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं। विनीत दुबे वर्तमान में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी थाना में थाना प्रभारी पद पर पदस्थ हैं। विनीत बेहद संजीदगी और अनुशासन के साथ अपने काम को अंजाम देने के लिए जाने जाते हैं। कोरिया जिले में रहते हुए उन्होंने नशे के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया था और बड़े बड़े नशे के सौदागरों को ठिकाने लगा दिया था।