नई दिल्ली। Pfizer-Bio N Tech COVID-19 : वैक्सीन को जल्द ही भारत मे पर आपातकालीन उपयोग की स्वीकृति मिल सकती है। अप्रैल में अमेरिकी फार्मा कंपनी ने भारत सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम के लिए अपने टीके के लिए पेशकश की थी। कंपनी वर्तमान में भारत सरकार के साथ अपनी वैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग स्वीकृति प्राप्त करने के लिए बातचीत कर रही है। फर्म ने यह भी घोषणा की है कि वह भारत में COVID-19 रोगियों के इलाज के लिए $ 70 मिलियन (510 करोड़ से अधिक) की दवाएं दान करेगी।
वैक्सीन को मध्य पूर्व, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, कुछ दक्षिण अमेरिकी देशों और साथ ही अधिकांश यूरोपीय देशों में अनुमोदित किया गया है। ताजा खबर के मुताबिक कनाडा ने विशेष तौर पर 12 से 15 वर्ष के बच्चों के लिए इस वैक्सिंग का अनुमोदन किया है। कनाडा की राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी ने बच्चों के वैक्सीनेशन कार्यक्रम में शामिल किए जाने की घोषणा की है।
हालांकि कंपनी का दावा है कि 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग भी फाइजर-बायोटेक वैक्सीन ले सकते हैं और यह उनके लिए भी उतनी ही कारगर है जितनी बच्चों पर। हालांकि, कंपनी 12 से 15 वर्ष के बच्चों के लिए इस वैक्सीन को लागू करने के लिए अनुमोदन की पेशकश कर रही है।
ट्रायल के आधार पर इस वैक्सीन को COVID-19 से लड़ने में 91.3 प्रतिशत प्रभावकारिता पाया गया है। इज़राइल में एक हालिया अध्ययन में संक्रमण के खिलाफ 95.3 प्रतिशत सुरक्षा और दूसरी खुराक के सात दिन बाद मृत्यु के खिलाफ 96.7 प्रतिशत सुरक्षा के प्रभावी ट्रायल का दावा किया गया है।
भारत ने हाल ही में COVID-19 टीकों के पुल परीक्षणों के लिए अपने नियमों को बदल दिया है। इससे पहले, एक वैक्सीन को भारत में क्लिनिकल परीक्षण से गुजरने के दौरान इसकी प्रभावकारिता साबित करने से पहले मंजूरी दी गई थी। अब वैक्सीन को तभी मंजूरी दी जाएगी जब वह अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (यूएसएफडीए), यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए), यूके मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (यूके एमएचआरए), फार्मास्यूटिकल्स और मेडिकल डिवाइस एजेंसी (पीएमडीए) द्वारा पहले ही अनुमोदित कर दी गई है।
WHO ने कहा, इसे आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण प्राप्त करने के 30 दिनों के भीतर एक नैदानिक परीक्षण से गुजरना होगा। फाइजर ने पहले भारत में आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए आवेदन किया था, लेकिन उपरोक्त नियम के कारण फरवरी में अपना आवेदन वापस ले लिया। अप्रैल में, यूएस फार्मा कंपनी ने भारत सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम के लिए एक नॉन-फॉर-प्रॉफिट मूल्य पर अपने टीके की पेशकश की थी।
इसने भारत सरकार को सूचित किया कि इसकी वैक्सीन की सुरक्षा पर कोई चिंता नहीं है, और यह देश में वैक्सीन को उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने के लिए काम कर रहे हैं। इस वैक्सीन को ठंडे देशों में उपयोग के लिए विकसित किया गया है और इसे बेहद निम्न तापमान पर रखना होता है। हालांकि इस वैक्सीन को प्रिजर्व करने और उपयोग में लेने के लिए एक मजबूत कोल्ड चैन की जरूरत होगी, जो ग्रामीण स्तर तक अभी भारत में संभव नहीं है।
फाइजर के एक प्रवक्ता ने बताया कि सुरक्षा और प्रभावकारिता के आंकड़ों को संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और डब्ल्यूएचओ में नियामक अधिकारियों द्वारा समर्थित किया गया था, जो सभी एजेंसियां भारत का समर्थन करती हैं।
एक वीडियो बयान में, फाइजर के सीईओ अल्बर्ट बोरला ने कहा कि इस महामारी को समाप्त करने के लिए टीकों की पहुंच महत्वपूर्ण है। दुर्भाग्य से, हमारा टीका भारत में पंजीकृत नहीं है, हालांकि हमारा आवेदन महीनों पहले प्रस्तुत किया गया था। हम भारत सरकार के साथ चर्चा कर रहे हैं कि हमारे Pfizer- Bio N Tech वैक्सीन को देश में उपयोग के लिए उपलब्ध कराने के लिए त्वरित अनुमोदन मार्ग का रास्ता खुले।
भारत में अभी अलग-अलग कंपनियों के पांच वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के आखिरी चरण में हैं जिनमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका COVID-19 वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है, जबकि ICMR के सहयोग से भारत बायोटेक द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित वैक्सीन के पहले चरण की टेस्टिंग शुरू हो चुकी है। रशियन वैक्सिंग स्पूतनिक – V का ट्रायल भी अभी भारत में शुरू हो रहा है।