Pariksha par Charcha PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से सीधा संवाद किया। इस कार्यक्रम में कला उत्सव प्रतियोगिता के लगभग 80 विजेता और देश भर के 102 छात्र और शिक्षक शामिल हुए। इसके अलावा, देशभर के छात्र, शिक्षक और अभिभावक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पीएम मोदी की ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम का हिस्सा बने। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस दौरान छात्रों को परीक्षा की तैयारी के विषय में कई बातें बताईं साथ ही भविष्य की चुनौतियों और अवसरों के साथ-साथ सफलता कूंजी हासिल करने के लिए जरूरी बातें साझा कीं और तनाव दूर करने के नुस्खे भी बताए।

बता दें कि इस साल इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देशभर से लगभग 38.8 लाख छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, जो पिछले साल पंजीकृत छात्रों की संख्या (15.73 लाख) से दोगुना है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस दौरान बच्चों से कहा कि भले ही कोई नकल कर आपसे कुछ नंबर ज्यादा ले आए, मगर वह जिंदगी में आपके लिए रुकावट नहीं बन सकता। आप अपने भीतर की शक्ति पर भरोसा करें। पीएम मोदी ने कहा कि यदि हम अपने सामर्थ्य पर ध्यान देते हैं, ताे तनाव नहीं होता। जीवन के स्टेशन में एक ट्रेन छूट गई तो दूसरी आएगी। कोई भी परीक्षा जीवन की अंतिम परीक्षा नहीं होती। हमें कदम कदम पर परीक्षाएं देना है और इसके लिए तनाव से मुक्ति का संकल्प लेना होगा। परिणाम के तनाव को मन में लेने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, हमारे शिक्षक बच्चों के साथ जितना अपनापन बनाएंगे, उतना बेहतर है। छात्र जब कोई सवाल पूछता है तो वह आपकी परीक्षा नहीं लेना चाहता, यह उसकी जिज्ञासा है। उसकी जिज्ञासा ही उसकी अमानत है। किसी भी जिज्ञासु बच्चे को टोकें नहीं। अगर जवाब नहीं भी आता है तो उसे प्रोत्साहित करें कि तुम्हारा प्रश्न बहुत अच्छा है। मैं अधूरा जवाब दूं तो यह अन्याय होगा। इसका जवाब मैं तुम्हें कल दूंगा और इस दौरान मैं खुद इसका जवाब ढ़ूंढूंगा। अगर शिक्षक ने कोई बात बच्चे को गलत बता दी, तो यह जीवनभर उसके मन में रजिस्टर हो जाएगा। इसलिए समय लेना गलत नहीं है, गलत बताना गलत है।
पीएम ने कहा, दुनिया में देखिये, जो लोग बहुत सफल हुए हैं, वे भी सामान्य ही हुआ करते थे। इस समय पूरे विश्व में देशों की आर्थिक स्थिति की चर्चा हो रही है। ऐसा नहीं है कि दुनिया में अर्थशास्त्रियों की कमी नहीं है। आज दुनिया आर्थिक मोर्चे पर भारत की तरफ देख रही है। अभी तक ऐसा ही कहा जाता था कि भारत में अर्थशास्त्रियों की कमी है, प्रधानमंत्री को भी कोई ज्ञान नहीं है। मगर अब ये सामान्य ही असामान्य हो गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक बार एक व्यक्ति की गाड़ी खराब हो गई। वह घंटों धक्का लगाता रहा मगर गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई। उसने एक मैकेनिक को बुलाया जिसने 2 मिनट में गाड़ी ठीक कर दी और 200 रुपये का बिल बना दिया। व्यक्ति ने कहा कि 2 मिनट के काम के 200 रुपये कैसे। मैकेनिक ने कहा कि 200 रुपये 2 मिनट के नहीं, 20 साल के अनुभव के हैं।