नई दिल्ली। National Security Issue: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक उच्चस्तरीय बैठक ली, जिसमें जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में गृह मंत्री ने सुरक्षा ग्रिड को और अधिक मजबूत करने के निर्देश दिए ताकि सीमा-पार से घुसपैठ शून्य हो और आतंकवाद का उन्मूलन हो सके। वहीं दूसरी तरफ जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को लेकर एक नई बात सामने आई है। यहां पिछले कुछ समय के दौरान मुठभेड़ों में आतंकियों से बरामद किए गए हथियार मूल रूप से अफगानिस्तान से यहां आए हैं जो अमेरिकी सेना द्वारा वहां छोड़े गए थे।
इस तथ्य से यह स्पष्ट होता है कि अफगानिस्तान में तख्तापलट से उपजे हालात और इस बीच आतंकियों द्वारा की गई हथियारों की अफरा-तफरी का सीधा असर जम्मू कश्मीर तक भी पड़ा है। जम्मू कश्मीर में आतंकियों के हथियार भले ही नए हो, लेकिन पिछले 4 वर्षों के दौरान यहां आतंकी गतिविधियों में भारी गिरावट आई है। साथ ही मुठभेड़ में भी घटकर करीब 50 फीसद तक रह गई है। इस समीक्षा बैठक के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल एक एक ऐसी योजना पर काम कर रहे हैं जिसके लागू होने के बाद जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ और आतंकवाद पूरी तरह खत्म हो जाएगा।

अमित शाह ने बैठक में सुरक्षा एजेंसियों के प्रयासों की सराहना की, जिससे पिछले कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कमी आई है। गृह मंत्रालय के मुताबिक, आतंकी घटनाएं 2018 में 417 से घटकर 2021 में 229 हो गई हैं, जबकि सुरक्षा बलों के शहीद हुए कर्मियों की संख्या 2018 में 91 से कम होकर 2021 में 42 हो गई है।
गृह मंत्री अमित शाह द्वारा ली गई बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल तथा जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सेना सहित भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
जम्मू कश्मीर में अवगत स्थान से लाए गए अमेरिकी आर्मी के हथियार बरामद होने के बाद इसे लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से चिंता जाहिर की जा रही है। जम्मू कश्मीर में तैनात सुरक्षा बलों के एक अधिकारी ने बताया कि कश्मीर में बरामद हुए हथियार इससे पहले यहां आतंकियों के पास नहीं देखे गए थे यह अमेरिका निर्मित हथियार हैं जो अफगानिस्तान में तालिबान के माध्यम से कश्मीर में आतंकियों तक पहुंचे हैं।
गौरतलब है कि घाटी में आतंकी वारदातों पर नकेल कसने की चौतरफा कोशिश चल रही है। सुरक्षाबल और स्थानीय पुलिस के साझा अभियान में आतंकियों का जमीनी नेटवर्क तोड़ने में काफी सफलता मिली है। ओवर ग्राउंड वर्कर बड़ी संख्या में पकड़े गए हैं, जिससे आतंकियों को साजो-सामान पहुंचाने और उन्हें अन्य मदद मुहैया कराने वाला नेटवर्क भी कमजोर पड़ा है। जम्मू कश्मीर में अफगानिस्तान से आयातित यूएस मिलिट्री के हथियार मिलना अब सुरक्षाबलों के लिए नई चुनौती है और यहां आतंकवाद का पूरी तरह निर्मूलन करने के लिए यह चुनौती एक माध्यम भी बन सकती है।
स्थानीय जांच एजेंसी के गठन के बाद से आतंकी और कट्टरपंथी गुटों के खिलाफ कार्रवाई में भी तेजी आई है। स्थानीय इनपुट और सहयोग से केंद्रीय एजेंसियों की जांच प्रक्रिया भी मजबूत हुई है। सूत्रों का कहना है कि सीमा पर मजबूत ग्रिड की वजह से घुसपैठ रोकने में काफी मदद मिली है। अब कोशिश है कि इसे पूरी तरह से अभेद्य बनाकर घुसपैठ की संभावनाओं को पूरी तरह खत्म किया जाए।