माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली बस्तर की बेटी नैना, बछेंद्री पाल के साथ मुलाकात ने बदल दी जीने की दिशा

माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली बस्तर की बेटी नैना, बछेंद्री पाल के साथ मुलाकात ने बदल दी जीने की दिशा

रायपुर। बस्तर के छोटे से गांव टकरागुड़ा की रहने वाली की नैना सिंह धाकड़-विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8848.86 m) व माउंट लोत्से (8516 m) दोनो को फ़तह करने वाली राज्य की प्रथम महिला बन गई हैं। नैना ने संसार की ऊंची और दुर्गम चोटियों को फतह करने उपलब्धि अपने नाम कर ली है। इसके पीछे नैना की 10 साल की कड़ी मेहनत और लगन रही है।

Naina

इस उपलब्धि को हासिल करने के बाद नैना पीछे मुड़कर देखती हैं और उस पल को याद करती हैं जब पहली बार उन्होंने संसार की सबसे ऊंची चोटी को फतह करने का सपना देखा था। यह सपना उन्हें तब दिखाई पड़ा था जब देश की प्रसिद्ध  पर्वतारोही बछेंद्री पाल सिंह की मुलाकात हुई थी।

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वह बताती हैं कि पढ़ाई खत्म होने के बाद वर्ष 2011 में जॉब के सिलसिले में जमशेदपुर टाटा जाना हुआ। वहां अचानक उनकी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली देश की पहली महिला महिला बछेंद्री पाल से मुलाकात हुई। बछेंद्री पाल ने उन्हें एक माह के ट्रेनिंग  पर चलने का प्रस्ताव दिया और वे तुरंत तैयार हो गईं।  इस ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने देश के अलग-अलग राज्यों की 11 महिलाओं के साथ भूटान तक की यात्रा की। इस यात्रा ने ही नैना की जिंदगी बदल दी और उन्हें एक पर्वतारोही बनने का मकसद दिया।

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इस यात्रा को लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में जगह मिली। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2012 में दार्जिलिंग स्थित हिमालय पर्वतारोहण संस्थान से पर्वतारोहण का कोर्स पूरा किया। कोर्स पूरा करने के बाद दार्जिलिंग की पहाड़ी सम्बिट करने में सफल हुई। साथ ही एएमसी, एचएमआइ, एनआइएम, बेसिक एडवांस रॉक क्लाइंबिंग कोर्स भी पूरा किया।

छत्तीसगढ़ रायपुर