नई दिल्ली। जनजातीय समुदायों को और अधिकार देने का फैसला किया है। जनजातीय कार्यमंत्री अर्जुन मुंडा तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर कल नई दिल्ली में इस संबंध में संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे। यह घोषणा पत्र अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वनवासी (वन अधिकारों को मान्यता) अधिनियम 2006 के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए तैयार किया गया है।

इस अधिनियम को सामान्य रूप से वन अधिकार अधिनियम के नाम से जाना जाता है। यह अधिनियम वनभूमि पर अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वनवासियों के अधिकारों को मान्यता देता है, जो पीढियों से ऐसे वनों में रह रहे हैं, लेकिन जिनके अधिकार दर्ज नहीं किए जा सके थे।