Man ki Baat: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर क्षेत्र में नेतृत्व संभालने के लिए देश की महिलाओं की सराहना की है। आकाशवाणी से मन की बात कार्यक्रम में राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में नई उंचाइयों को छू रही हैं और पुराने मिथकों को तोड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि 8 मार्च को देशभर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की बेटियां सेना में नई और महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने सैनिक स्कूलों में लड़कियों के दाखिले पर रोक हटा दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देशभर के करीब आधे स्टार्टअप में महिलाएं ही निदेशक की भूमिका में हैं। श्री मोदी ने कहा कि बेटे और बेटियों को समान अधिकार देते हुए विवाह की उम्र में समानता लाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं की सफलता से देश में लड़के-लड़कियों के अनुपात में सुधार हुआ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्कूल जाने वाली लड़कियों की संख्या में भी सुधार हुआ है। श्री मोदी ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत महिलाओं को खुले में शौच से मुक्ति मिली है। उन्होंने कहा कि तीन तलाक जैसी सामाजिक बुराई का अंत भी हो रहा है। तीन तलाक के खिलाफ कानून लागू होने से देश में ऐसे मामलों में अस्सी प्रतिशत की कमी आई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये परिवर्तन इसलिए आ रहे हैं क्योंकि महिलाएं अब खुद परिवर्तन और प्रगतिशील प्रयासों का नेतृत्व कर रही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत अवलोकितेश्वर पद्मपाणि की हजार साल से भी पुरानी प्रतिमा देश में लाने में सफल हुआ है। ये मूर्ति कुछ वर्ष पहले बिहार में गया के देवी स्थान कुंडलपुर मंदिर से चोरी हो गई थी। उन्होंने कहा कि कई प्रयासों के बाद भारत को यह प्रतिमा वापस मिली। उन्होंने कहा कि 600-700 साल पुराने भगवान आंजनेय्यर, हनुमान जी की प्रतिमा तमिलनाडु के वेल्लोर से कुछ वर्ष पहले चोरी हो गई थी। इस महीने की शुरूआत में ऑस्ट्रेलिया में यह प्राप्त हुई और भारतीय मिशन को मिल चुकी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दिन पहले काशी से चोरी की गई मां अन्नपूर्णा देवी की प्रतिमा भी वापस लाई गई। यह भारत के प्रति बदल रहे वैश्विक नजरिये का उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2013 तक करीब 13 प्रतिमाएं भारत आईं थीं लेकिन पिछले सात वर्षों में 200 से ज्यादा बहुमूल्य प्रतिमाएं भारत वापस लायी गयी हैं। उन्होंने कहा कि अमरीका, ब्रिटेन, हॉलैंड, फ्रांस, कनाडा, जर्मनी और सिंगापुर जैसे कई देशों ने भारत की इस भावना को समझा है और मूर्तियां वापस लाने में मदद की है। भारत की संस्कृति और विरासत की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने मन की बात के श्रोताओं का तंजानिया के किलि पॉल और उनकी बहन नीमा से परिचय करवाया। इन दिनों ये भाई-बहन फेसबुक, ट्वीटर और इंस्टाग्राम पर चर्चा में हैं। उन्होंने कहा कि उनके अंदर भारतीय संगीत को लेकर एक जुनुन है। उन्होंने उनकी लिप सिंकिंग तकनीक की सराहना की है। हाल ही में गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रगान जन गण मन गाते हुए किलि पॉल का वीडिया बहुत वायरल हुआ। कुछ दिन पहले उन्होंने लता मंगेशकर का एक गाना गाकर उनको भी भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। हाल ही में तंजानिया में भारतीय दूतावास ने किलि पॉल को सम्मानित किया था। श्री मोदी ने कहा कि भारतीय संगीत का जादू ही कुछ ऐसा है जो सबको मोह लेता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ वर्ष पहले दुनिया के डेढ सौ से ज्यादा देशों के गायकों और संगीतकारों ने अपने-अपने देश में अपनी वेशभूषा में महात्मा गांधी का प्रिय भजन वैष्णव जन गाया था। श्री मोदी ने कहा कि आज जब भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो देशभक्ति के गीतों को लेकर भी ऐसे ही प्रयोग किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी नागरिकों या विदेशों के प्रसिद्ध गायकों को भारत की देशभक्ति के गीत गाने के लिए आमंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर तंजानिया से किलि और नीमा भारत के गीतों को इस प्रकार से लिप सिंक कर सकते हैं तो गुजराती बच्चे भी तमिल गीतों के साथ ऐसे प्रयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि एक ऐसा माहौल बनाया जा सकता है जिसमें एक भारत, श्रेष्ठ भारत का अनुभव किया जा सके। उन्होंने युवाओं से देश की विभिन्न भाषाओं में लोकप्रिय गीतों पर अपने तरीके से वीडियो बनाने का भी आह्वान किया है।
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस मनाया गया। श्री मोदी ने कहा कि मातृभाषा एक व्यक्ति के जीवन को आकार देती है। उन्होंने कहा कि अमरीका में वे एक तेलुगु परिवार से मिले थे। उन्हें यह देखकर बहुत अच्छा लगा था कि खाने के समय परिवार के सभी सदस्य साथ बैठकर नियम से तेलुगु भाषा में बातचीत करते थे। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि हमारे देश में कश्मीर से कन्याकुमारी तक, कच्छ से कोहिमा तक सैंकड़ों भाषाएं और हजारों बोलियां हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को इस पर गर्व होना चाहिए कि विश्व की सबसे पुरानी भाषा तमिल भारत की है। उन्होंने कहा कि देश में करीब 121 प्रकार की भाषाएं हैं और इनमें से 14 भाषाएं ऐसी हैं जो एक करोड़ से भी ज्यादा लोग रोजमर्रा की जिंदगी में बोलते हैं। उन्होंने कहा कि 2019 में दुनिया की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में हिंदी तीसरे स्थान पर थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने सूरीनाम के 84 वर्ष के सुरजन परोही के बारे में भी बात की जो हिंदी में बहुत अच्छी कविता लिखते हैं। सूरीनाम के लोगों ने सुरजन परोही के नाम से एक संग्रहालय भी बनाया है। श्री मोदी ने कहा कि आज मराठी भाषा गौरव दिवस है। यह दिन मराठी कविराज विष्णु वामन शिरवाडकर, श्रीमान कुसुमाग्रज को समर्पित है। आज कुसुमाग्रज की जयंती भी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुसुमाग्रज ने मराठी में कविताएं और नाटक लिखे तथा मराठी साहित्य को नई उंचाइयां दीं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा में पढ़ाई पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पेशेवर पाठ्यक्रमों को भी क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि लोग अपनी मातृभाषा के गुणों के बारे में जानें और कुछ न कुछ लिखें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दिन पहले उनकी केन्या के पूर्व प्रधानमंत्री राइला ओडिंगा से मुलाकात हुई थी। प्रधानमंत्री ने इस मुलाकात को दिलचस्प लेकिन बहुत भावुक बताया। श्री ओडिंगा की बेटी रोजमेरी को ब्रेन ट्यूमर के कारण सर्जरी करानी पड़ी थी। सर्जरी के बाद उसकी आंखों की रोशनी करीब-करीब चली गई थी। कई असफल प्रयासों के बाद किसी ने श्री ओडिंगा को आयुर्वेद उपचार के लिए भारत आने की सलाह दी। केरल में एक आयुर्वेद अस्पताल में ईलाज करवाने के बाद रोजमेरी की आंखों की रोशनी काफी हद तक लौट आई। श्री ओडिंगा भारत के आयुर्वेद के ज्ञान और विज्ञान को अब केन्या लाने की इच्छा रखते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि भारतीय परंपरा से किसी के जीवन का इतना बड़ा कष्ट दूर हुआ है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स भी आयुर्वेद के बहुत बड़े प्रशंसकों में से एक हैं। उन्हें भारत के कई आयुर्वेदिक संस्थानों की भी जानकारी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष मंत्रालय के गठन से चिकित्सा और स्वास्थ्य से जुड़े देश के पारंपरिक तरीकों को लोकप्रिय बनाने के संकल्प को और मजबूती मिली है। श्री मोदी ने कहा कि हाल के वर्षों में आयुर्वेद के क्षेत्र में भी कई नए स्टार्टअप सामने आए हैं।
प्रधानमंत्री ने मिशन जल-थल की भी बात की। ये एक ऐसा जन आंदोलन है जो कश्मीर के श्रीनगर में चल रहा है। यह श्रीनगर, की झीलों और तालाबों की साफ-सफाई तथा उनकी पुरानी रौनक लौटाने का एक अद्भुत प्रयास है।
प्रधानमंत्री ने इस पर संतोष व्यक्त किया कि आठ साल पहले शुरू हुआ स्वच्छ भारत मिशन का समय के साथ विस्तार हुआ है। उन्होंने असम के कोकराझार में सुबह की सैर करने वालों के एक समूह की सराहना की, जिन्होंने स्वच्छ और हरित कोकराझार मिशन के तहत बहुत प्रशंसनीय पहल की है। इन सभी ने नए फ्लाईओवर क्षेत्र में तीन किलोमीटर लंबी सड़क की सफाई कर स्वच्छता का प्रेरक संदेश दिया है। श्री मोदी ने विशाखापत्तनम में स्वच्छ भारत अभियान का भी उल्लेख किया जहां पॉलीथीन के बजाए कपड़ों के थैलों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
श्री मोदी ने मुंबई के सोमाया कॉलेज के विद्यार्थियों की भी सराहना की जिन्होंने स्वच्छता के अपने अभियान में सुंदरता को भी जोड़ लिया है। उन्होंने कल्याण रेलवे स्टेशन की दीवारों को सुंदर कलाकृतियों से सजाया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि राजस्थान में सवाई माधोपुर के युवाओं ने भी मिशन बीट प्लास्टिक नाम से रणथंभौर में एक अभियान शुरू किया है। उन्होंने कहा कि सबका प्रयास की भावना देश में जन भागीदारी को मजबूत करती है।
कल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस है। यह दिन रामन प्रभाव की खोज के लिए भी जाना जाता है। प्रधानमंत्री ने सी वी रामन और सभी वैज्ञानिकों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने देश के वैज्ञानिक सफर को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विज्ञान दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने सभी अभिभावकों से बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए छोटे-छोटे प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह देश के प्रति सामूहिक वैज्ञानिक जिम्मेदारी है।
प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी से संघर्ष में भी भारतीय वैज्ञानिकों की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि उनके प्रयासों से ही स्वदेशी टीकों का निर्माण संभव हुआ है। श्री मोदी ने शिवरात्रि और होली जैसे आगामी त्योहारों को वोकल फॉर लोकल के साथ मनाने का आह्वान किया।