Life in Bastar: नक्सलवाद के कुचक्र में फंसा बस्तर अब धीरे-धीरे इससे मुक्त हो रहा है। पुलिस और सुरक्षा बलों की प्रभावी कार्रवाई और लोगों की सोच में आ रहे बदलाव की वजह से बस्तर का बड़ा हिस्सा अब नक्सल मुक्त हो चुका है। एक दौर था जब यहां के ज्यादातर इलाकों में नक्सलियों का दबदबा था। नक्सलियों के भय से स्थानीय आदिवासी ग्रामीण पुलिस और सुरक्षाबलों से घबराते थे, लेकिन पिछले कुछ वर्षों के दौरान यहां पुलिस और सुरक्षाबलों ने नक्सलवाद का खात्मा करने के साथ-साथ आदिवासी ग्रामीणों का भरोसा भी जीता और आज भी उनके सुख-दुख के सबसे बड़े हमदर्द और मददगार बने हैं।

सोशल मीडिया पर बस्तर से बेहद खूबसूरत नजारा सामने आया जिसमे सुरक्षा, सहयोग, भरोसा देखने को मिल रहा है।
दंतेवाडा जिले मे डीआरजी के जवान गश्त से लौटते वक्त जंगल मे महुआ बिन रही महिला व बच्ची का सहयोग करते हुए खुद भी महुआ बिनने लगे और महुआ को कांवड मे लाद कर महिला के घर भी पहुंचाया। इस वीडियो को सोशल मीडिया यूजर दीप्ति बाजपेई ने अपने वॉल पेज पर पोस्ट किया है।
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