Jagannath Puri Rath Yatra 2022: जगन्नाथ पुरी मंदिर से जुड़े कुछ ऐसे रहस्य जो आपको आश्चर्य में डाल देंगे, देखें VIDEO

Jagannath Puri Rath Yatra 2022: जगन्नाथ पुरी मंदिर से जुड़े कुछ ऐसे रहस्य जो आपको आश्चर्य में डाल देंगे, देखें VIDEO

Jagannath Puri Rath Yatra 2022: भगवान कृष्ण की लीला अपरंपार है। अलग-अलग रूप और नामों के साथ अपनी अलग-अलग लीलाएं दिखाते रहे हैं। भगवान जगन्नाथ, जो भगवान कृष्ण का गीत स्वरूप हैं, उड़ीसा के पुरी तट पर विराजित हैं। यहां सदियों पुराना विशाल मंदिर है, और पौराणिक परंपरा के अनुसार यहां भगवान की ऐतिहासिक रथ यात्रा सदियों से निकलती रही है।

इस रथ यात्रा में शामिल होने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु यहां आते हैं। करीब 1 माह तक एक लोक पर्व की तरह चलने वाले इस रथ यात्रा त्योहार की शुरुआत हो चुकी है। इसके साथ ही पुरी के जगन्नाथ मंदिर में कई अद्भुत रहस्य भी समाहित हैं। इन्हीं रहस्यों से जुड़े अनोखे दृश्य और अनुभव को रायपुर के यूट्यूब ब्लॉगर प्रशांत गुप्ता ने अपने कैमरे में कैद किया है।

हवा के विपरीत लहराता ध्वज!

-श्री जगन्नाथ मंदिर के ऊपर स्थापित पीला ध्वज कहा जाता है कि हवा के विपरीत दिशा में लहराता है। मंदिर के पुजारी माधव दास कहते हैं कि मंदिर इतना विशाल है कि उससे टकराकर जब हवा लौटती है तो वह ध्वज के विपरीत लगती है, इसलिए ये भ्रम होता है कि ध्वज विपरीत दिशा में लहरा रहा है।

  • ध्वज रोजाना शाम को बदला जाता है इसका जिम्मा एक वर्ग के पास है। ध्वज बदलने वाला व्यक्ति उल्टा मन्दिर में चढ़ता है बिना किसी सेफ्टी मेजर्स के, चाहे मौसम कोई भी हो। कहा जाता है कि जिस दिन ध्वज नहीं बदला गया, उस दिन मंदिर 18 साल के लिए खुदबखुद बंद हो जाएगा। ध्वज पर भगवान शिव का चंद्र बना हुआ है। हर दिन नया ध्वज ही चढ़ता है।

प्रस्तुत है PP Vlogs का यह नया वीडियो-

गुंबद के ऊपर नहीं उड़ते पक्षी!

– मंदिर के ऊपर गुंबद के आस-पास अब तक कोई पक्षी उड़ता हुआ नहीं देखा गया। ये भी एक भ्रम है क्योंकि इसके ऊपर पक्षी बैठते हैं, मंदिर प्रबधन के पास इसके वीडियो हैं।

सबसे ऊपर की हंडी का चावल पहले पकता है!


दुनिया की सबसे बड़ी रसोई इसी मंदिर में है, जहाँ रोजाना पका भोजन या प्रसादी एक दिन में 1 लाख से अधिक लोग खाते हैं। कहा जाता है कि मंदिर की रसोई में प्रसाद पकाने के लिए 7 बर्तन एक-दूसरे पर रखे जाते हैं और सब कुछ लकड़ी पर ही पकाया जाता है। इस प्रक्रिया में शीर्ष बर्तन में सामग्री पहले पकती है फिर क्रमश: नीचे की तरफ एक के बाद एक पकती जाती है। यह सच नहीं है, एक के एक पात्र नहीं रखे जाते, ये एक स्टैंड में एक साथ ही आजू-बाजू रखे जाते हैं। इसके अतिरिक्त ये जरूर है मंदिर के सिंहद्वार में एक पत्थर है जिसमें अलग-अलग आवाज आती है।

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