Chhattisgarh: मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा- जीएसटी की संरचना में खामी की वजह से छोटे राज्यों को हो रही राजस्व की बड़ी क्षति

Chhattisgarh: मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा- जीएसटी की संरचना में खामी की वजह से छोटे राज्यों को हो रही राजस्व की बड़ी क्षति

रायपुर। (हिमांशु शर्मा) Chhattisgarh: देश में लागू की गई जीएसटी की व्यवस्था वर्तमान में पॉइंट ऑफ कंजक्शन पर आधारित है, जबकि इसे पॉइंट ऑफ मैन्युफेक्चर पर आधारित होना था। इससे टैक्सेशन की व्यवस्था और बेहतर हो सकती थी।

जीएसटी का जो ढांचा वर्तमान में देश में लागू है उसने बड़े राज्यों को तो फायदा हो रहा है, लेकिन छोटे और कम आबादी वाले राज्य नुकसान में आ रहे हैं। इसका सीधा उदाहरण छत्तीसगढ़ है। अभी व्यवस्था में हमें राज्य में अनुमानित ढाई हजार करोड़ रुपए की सालाना राजस्व की क्षति इस वजह से हो रही है। मैंने जीएसटी काउंसिल में मेंबर रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर अपनी बात रखी है और आगे भी रखता रहूंगा।

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य परिवार कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंह देव आज रायपुर प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस से मिलिए कार्यक्रम के जरिए पत्रकारों से रूबरू हुए। इस दौरान उन्होंने यह बात कही। इस कार्यक्रम में उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन के अनुभवों के साथ-साथ वर्तमान सरकार में एक मंत्री के रूप में 3 साल के दौरान किए गए कार्यों पर बातचीत की। इस कार्यक्रम के दौरान मंत्री टीएस सिंह देव ने अपने दायित्व वाले सभी विभागों में 3 साल में उनके द्वारा किए गए विभिन्न कार्यों का उल्लेख करते हुए बताया कि किन मोर्चों पर काम का अनुभव अच्छा रहा और किन मोर्चों पर किन वजहों से कमजोर पड़े।

विगत 40 वर्षों के अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत उन्होंने साल 1983 में अंबिकापुर नगर पालिका अध्यक्ष के रूप में की थी। आज टी एस सिंह देव प्रदेश में एक मंत्री के रूप में कार्य की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। टीएस सिंह देव का कहना है कि उन्हें राजनीति में रुचि शुरुआत में नहीं थी, लेकिन कुछ परिस्थितियां ऐसी बनी कि उन्हें राजनीति में प्रवेश करना पड़ा।

पिता ने पत्र लिखकर दी थी सलाह- ‘राजनीति में मत आना’

पुरानी यादों को ताजा करते हुए बताते हैं कि उनके पिता ने उनके व्यक्तित्व को देखते हुए उन्हें एक सलाह दी थी कि वे राजनीति में कदम ना रखें। इस संबंध में उन्होंने एक पत्र टीएस को लिखा था, जिसका उन्होंने बातचीत के दौरान जिक्र किया। पिता को इस बात का अंदेशा था कि अपने सरल व्यवहार के चलते पीएस राजनीति में सफल नहीं हो सकेंगे, लेकिन इसके विपरीत टीएस ने जिस सादगी के साथ राजनीति की और अपना एक अलग मुकाम बनाया वह आज लोगों के सामने है।

ईमानदारी से किया स्वीकार- यहां पड़े कमजोर

एक मंत्री के रूप में दी गई विभिन्न मंत्रालयों की जिम्मेदारी पर एक-एक कर उन्होंने विस्तार के साथ चर्चा की। वर्तमान में 20 सूत्रीय कार्यक्रमों का मंत्रालय भी टी एस सिंह देव के पास है। मंत्रालयों में अपने कार्य की स्वसमीक्षा की शुरुआत उन्होंने इसी विभाग के साथ की। उन्होंने बताया कि इंदिरा गांधी के कार्यकाल में जो 20 सूत्रीय कार्यक्रम शुरू हुए थे, उनमें कालांतर में कई तरह के बदलाव लाए गए। उन्होंने इस बात को पूरी ईमानदारी के साथ स्वीकार किया कि इस विभाग में उनकी मंशा अनुसार काम नहीं हो पाया। वह इस विभाग में अपने कार्य से खुद को असंतुष्ट पाते हैं। इसके साथ ही उन्होंने यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम का भी जिक्र किया। जिसमें सभी लोगों के लिए निशुल्क इलाज की व्यवस्था सरकार की ओर से की जानी थी। स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंह देव ने कहा कि हम बहुत हद तक इस योजना को लागू करने में सफल भी रहे हैं। आबादी के एक बड़े वर्ग को 20 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज की सुविधा दी जा रही है। इसके अलावा कुछ आर्थिक कारणों से यह योजना वहां तक नहीं पहुंच पाई, जिस तरह की परिकल्पना इसे लेकर की गई थी।

सीएम बघेल ने सबसे पहले मुझे बुलाकर पूछा था, कौन कौन से मंत्रालय चाहेंगे

टीएस बाबा ने आगे चर्चा में यह भी बताया कि एक वरिष्ठ नेता के रूप में कांग्रेस पार्टी में उन्हें जो सम्मान मिला है, वह और कहीं मिलना मुश्किल है। पार्टी नियम और अनुशासन में बंधी हुई है और यहां योग्यता के अनुरूप दायित्वों का बंटवारा होता है। जब सरकार गठन की बारी आई तो मुख्यमंत्री जी ने सबसे पहले मुझे बुलाकर पूछा- कौन सा विभाग लेना चाहते हैं। उन्होंने मुझे मेरी मर्जी से विभाग चुनने की आजादी दी। मैं जिन विभागों में बेहतर काम कर सकता था वह मैंने अपनी मर्जी से चुने और उन विभागों में पूरी जिम्मेदारी से काम करने का प्रयास लगातार कर रहा हूं।

कवर्धा और जांजगीर में नए मेडिकल कॉलेज के लिए चल रही प्रक्रिया

स्वास्थ्य मंत्री ने कार्यक्रम के दौरान बताया कि प्रदेश में 2 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाने के लिए प्रक्रिया तेजी के साथ चल रही है। मान्यता के लिए तय मापदंडों को 15 दिनों में पूरा करने के लिए कहा गया है। कवर्धा में नए मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव मिला है। यहां अधोसंरचना को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है और कोशिश हो रही है कि जल्द मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जा सके। इसके साथ ही जांजगीर में भी नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना का प्रस्ताव है। चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के पूरी तरह से अधिग्रहण और शासकीयकरण की प्रक्रिया तेजी के साथ चल रही है।

अंबेडकर अस्पताल को मिलेगा 900 बिस्तरों का तारों का नया भवन

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने बताया कि मेडिकल कॉलेज रायपुर स्थित अंबेडकर अस्पताल में एक नए भवन का निर्माण प्रस्तावित है जहां 900 अतिरिक्त बिस्तरों की व्यवस्था होगी। इस दिशा में भी तेजी के साथ काम किया जा रहा है। वर्तमान में मेडिकल कॉलेज रायपुर में 750 बिस्तरों की व्यवस्था है जो यहां आने वाले मरीजों के लिहाज से कम पड़ जाती है। इस समस्या को दूर करने के लिए अस्पताल के विस्तारीकरण का कार्य किया जा रहा है। इसमें 200 करोड़ रुपए का खर्च आएगा, जिनमें से 25 करोड़ रुपए राज्य सरकार की ओर से मिल चुके हैं।

5 पीढ़ियों से कांग्रेसी हूं, भाजपा से मेरी विचारधारा बिल्कुल नहीं मिलती

एक समय में चर्चा चली थी कि मुख्यमंत्री न बनाए जाने से टीएस सिंहदेव असंतुष्ट हैं और कांग्रेस पार्टी छोड़ सकते हैं। इस तरह की अफवाहों पर जब टीएस सिंह देव से सवाल किए गए तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उनके परिवार की पिछली 5 पीढ़ियां कांग्रेस के साथ ही जुड़ी रही हैं। उनके लिए कांग्रेस को छोड़कर किसी अन्य पार्टी में जाने की कल्पना करना भी मुश्किल है। वे अपने आप को सिर्फ कांग्रेस पार्टी में ही सहज पाते हैं। भाजपा को लेकर उन्होंने कहा कि मेरी विचारधारा और उनकी विचारधारा में हमेशा ही फर्क रहा है। जब वैचारिक रूप से हर विषय, हर मुद्दे पर मतभेद हो तो उस टीम में आप कतई काम नहीं कर सकते। तो ऐसे में भाजपा में जाने जैसा तो कोई सवाल ही नहीं बनता।

इस कार्यक्रम के दौरान रायपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष दामू अंबेडारे सहित विभिन्न प्रकाशन समूह, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के प्रबुद्ध पत्रकार गण मौजूद थे।

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