Health Alert : ब्लैक फंगस से घबराना नहीं, बस समय पर कराना है उपचार

Health Alert : ब्लैक फंगस से घबराना नहीं, बस समय पर कराना है उपचार

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रायपुर। Health Alert : कोरोनावायरस महामारी का दौर चल ही रहा है और इस बीच अब ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) नाम की दूसरी बीमारी की चर्चा होने लगी है। लोगों के लिए यह नाम नया हो सकता है, लेकिन बीमारी पुरानी है इस बीमारी का इलाज पूरी तरह से संभव है, लेकिन सबसे जरूरी बात यह है कि लक्षण दिखते ही समय पर इसका उपचार शुरू किया जाए, क्योंकि  इस बीमारी से संक्रमित व्यक्ति में लक्षण तेजी के साथ उभरते हैं और देखते ही देखते गंभीर होते जाते हैं। यदि लापरवाही बरती जाती है तो बीमारी के उपचार में दिक्कत आ सकती है, इसलिए शासन प्रशासन भी इस बीमारी को लेकर पूरी तरह सतर्क है और आज राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसे लेकर एक एडवाइजरी जारी की गई है। इस एडवाइजरी में बीमारी को लेकर सभी तथ्यात्मक जानकारी दी गई है, ताकि लोग किसी भ्रम का शिकार ना हो और लक्षण दिखते ही समय पर उपचार करा सकें।  इसके साथ ही  ब्लैक फंगस के निदान के लिए दी जाने वाली सभी आवश्यक दवाइयों की आपूर्ति पूरे राज्य में सुनिश्चित की जा रही है, ताकि कहीं भी मरीज को आवश्यकता पड़ने पर तत्काल सभी दवाइयां उपलब्ध हो सकें।

राज्य शासन ने बीमारी पर जारी की एडवाइजरी 
राज्य के विभिन्न अस्पतालों में ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) प्रकरणों से ग्रसित मरीज के प्रकरण आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने पीड़ित मरीजों के उपचार हेतु राज्य के तकनीकी समिति के विशेषज्ञों द्वारा अनुशंसित स्टैन्डर्ड ट्रीटमेंट प्रोटोकाॅल राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों को जारी किया है। राज्य में ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) का इलाज सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में किया जाएगा।


ब्लैक फंगस की सामान्य जानकारी व उससे बचने के उपाय
ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) एक फंगल संक्रमण है। यह उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है जो दूसरी स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित है और दवाईयां ले रहे हैं। इससे उनकी प्रतिरोधात्मक क्षमता प्रभावित होती है। यदि व्यक्ति के शरीर में यह फंगस सूक्ष्म रूप में शरीर के अन्दर चला जाता है तो उसके साइनस या फेफड़े प्रभावित होंगे जिससे गम्भीर बीमारी हो सकती  है। यदि इस बीमारी का इलाज समय पर नहीं किया गया तो यह घातक हो सकती है।


यह बीमारी किसे हो सकती है –

यह बीमारी कोविड-19 मरीजों में जो डायबीटिक मरीज हैं या अनियंत्रित डायबीटिज वाले व्यक्ति को, स्टेरोईड दवाईयां ले रहे व्यक्ति को या आई.सी.यू. में अधिक समय तक भर्ती रहने से यह बीमारी हो सकती है। यदि निम्नानुसार लक्षण दिखे तो चिकित्सक से तुरंत सम्पर्क करना चाहिए।


बीमारी के लक्षण –

आंख/नाक में दर्द और आंख के चारों ओर लालिमा, नाक का बंद होना, नाक से काला या तरल द्रव्य निकलना, जबड़े की हड्डी में दर्द होना, चेहरे में एक तरफ सूजन होना, नाक/तालु काले रंग का होना, दांत में दर्द, दांतों का ढ़िला होना, धुंधला दिखाई देना, शरीर में दर्द होना, त्वचा में चकते आना, छाती में दर्द, बुखार आना, सांस की तकलीफ होना, खून की उल्टी, मानसिक स्थिति में परिवर्तन आना।
कैसे बचा जा सकता है – धूल भरे स्थानों में मास्क पहनकर, शरीर को पूरे वस्त्रों से ढंक कर, बागवानी करते समय हाथों में दस्ताने पहन कर और व्यक्तिगत साफ-सफाई रख कर।

हर जिले में उपलब्ध रहेगी हर जरूरी दवा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर प्रदेश में ब्लैक फंगस के खतरों से निपटने के लिए व्यापक तैयारियां की जा रही है।  इस बीमारी के उपचार के लिए आवश्यक हर जरूरी दवा प्रदेश के हर जिले में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में ब्लैक फंगस के संक्रमण होने की जानकारी को गंभीरता से लेते हुए इसके रोकथाम के लिए लगने वाली आवश्यक दवाएं पोसाकोनाजोल व एम्फोटेरसिन-बी औषधियों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता हर जिले में सुनिश्चित करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पहले ही दिए जा चुके है। जिसके परिपालन छत्तीसगढ़ के खाद्य एवं औषधि प्रशासन नियंत्रक द्वारा सभी जिलों में पदस्थ औषधि निरीक्षकों के माध्यम से सभी जिलों में औषधि पोसाकोनाजोल एवं एम्फोटेरेसिन-बी (समस्त डोसेज फाॅर्म, टेबलेट, सीरप, इंजेक्शन एवं लाइपोसोमल इंजेक्शन) की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। 

खाद्य एवं औषधि प्रशासन नियंत्रक द्वारा औषधि निरीक्षकों को यह भी निर्देशित किया गया है, कि वे अपने-अपने कार्यक्षेत्र के भीतर समस्त होलसेलर, स्टाॅकिस्ट, सीएंडएफ से उक्त औषधियों की वर्तमान में उपलब्ध मात्रा की जानकारी प्रतिदिन प्राप्त करें और अपने क्षेत्र के सभी औषधि प्रतिष्ठानों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी करें।

छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य