Happy Holi 2022: “किस्मत पर आज अपनी इतरा रहे हैं हम, होली के साथ जन्मदिन मना रहे हैं हम”

Happy Holi 2022: “किस्मत पर आज अपनी इतरा रहे हैं हम, होली के साथ जन्मदिन मना रहे हैं हम”

Happy Holi 2022: श्री चक्रधर संगीत विद्यालय रायगढ़ द्वारा होली पूर्व सुर संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त अवसर पर संगीत शिरोमणि कलागुरु श्री वेदमणि सिंह ठाकुर ने होली उत्सव के महत्व तथा पूरी दुनिया को राधाकृष्ण के द्वारा दिए गए पवित्र प्रेम के संदेश को रेखांकित करते हुए समता और समरसता के साथ होली पर्व मनाने का आग्रह किया। संगीत की देवी माँ सरस्वती की पूजा अर्चना के पश्चात् सुश्री सुनीता तिवारी द्वारा सरस्वती वंदना की आकर्षक प्रस्तुति से संगीत सभा का विधिवत शुभारंभ किया गया।

कुमारी ख्याति मिरी ने शास्त्रीय गायन की मधुर प्रस्तुति दी “महेश्वरा महादेव…।”, “ तू करीम करतार…।” और तराना के साथ अपने मधुर कंठ साधना का परिचय दिया।सराहनीय प्रयास ,आकर्षक प्रस्तुति ने सभी को प्रवाहित किया।हारमोनियम पर शुभम दास महंत और तबले पर श्री छबीलाल मालाकार ने कुशल संगत किया।

ख्याति मिरी और समृद्धी मिश्रा ने एक होलीगीत “मारो मारो हो श्याम पिचकारी…” प्रस्तुत किया। श्रीमती चंद्रा देवाँगन ने “ कैसे रचाऊँ फाग सखी…“ कलागुरु वेदमणि सिंहठाकुर की रचना को स्वर दिया। तबले पर श्री वेद प्रकाश आदित्य और वायालिन पर श्री जगदीश मेहर ने संगीत पक्ष को संवारा।

श्री संदीप चौबे ने वाँसुरी पर एक भजन “ पायो रे मैने रामरतन धन पायो।” की मनोहारी प्रस्तुति की।सुश्री सुनीता तिवारी ने अपने सधे कंठ से होली गीत “ मोसे खेलो न होरी गिरधारी।”, “ होली खेलत है कन्हाई राधा के संग।”, “होली का शुभदिन आया।” की कर्णप्रिय प्रस्तुति से पूरावातावरण होलीमय हो गया।तबले पर कलागरु वेदमणि सिंह ठाकुर की अंगुलियाँ थिरक रही थी।

संगीताचार्य ठाकुर मनहरण सिंह ने दो गीत “रंग भरे तोरे नैना…।” , “सर पर उनके चढ़े ऐसा फितुर होली में…।” विद्वतापूर्ण प्रस्तुति की।तबले पर कलागुरु वेदमणि सिंह ठाकुर और वायलिन पर आकर्षक कलात्मक संगति ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करदिया।

यह एक सुखद संयोग हुआ की होली पर्व के साथसाथ कलागुरु वेदमणि सिंह ठाकुर जी का जन्मदिन भी मनाने का सुअवसर प्राप्त हुआ।गुरुजी 88 बसंत के साक्षी हो गए। शिष्यों ने संगीत समारोह के मध्य गुरू जी को गुलाल चंदन का तिलक लगाकर एक जन्मदिन उत्सव का केक उनके हाथों कटवाया।और उसे वितरित कर मुँह मीठा किया तथा गुरुजी का चरण स्पर्श कर सभी ने आशीर्वाद प्राप्त किया।तत्पश्चात् पूरे सम्मान के साथ कलागुरु वेदमणि सिंह ठाकुर को मंच समर्पित किया गया।

कलागुरु वेदमणिसिंह ठाकुर ने बहुत ही विद्वतापूर्ण कलात्मक प्रस्तुति की *”किस्मत पर आज अपनी इतरा रहे है हम , होली के साथ जन्मदिन मना रहे हैं हम ।”
*”अबके फागुन घर आ जा…।”,

  • “होलीके रंग के बहाने आ जा रे…।”,
    संगीत सभा का समापन गुरुजी ने राग भैरवी में आबद्ध गीत “ मारो मारो न श्याम पिचकारी…।” की बहुत ही मनोहारी और तराना की चमत्कारिक प्रस्तुति के साथ किया। पूरावातावरण संगीत की मधुर स्वर लहरियों से गुंजायमान होता रहा।

संगीत सभा में प्रमुख रूप से राकेश गुप्ता, कौरव खर्रा, पायल मानिकपूरी, मधु चौहान, घनश्याम सिंह, हरेंद्र कुमार पर्वत, संदीप चौबे, आदित्य चौबे, धनेश्वर प्रसाद चौहान, राजेंद्र कैवर्त्य, शुभम देवाँगन, सोमू देवाँगन, वरिष्ठ पत्रकार हरेराम तिवारी, रसेन कुमार, वेद प्रकाश आदित्य, श्रीमती चंद्रा देवाँगन, देव लाल देवाँगन, जगदीश मेहर, मनहरण सिंह ठाकुर और गणेश कछवाहा की उपस्थिति रही।

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