Dr Sakrajit Nayak : प्रोफेसर की नौकरी छोड़कर बने नेता, तोड़ा था राजघराने का राजनीतिक वर्चस्व

Dr Sakrajit Nayak : प्रोफेसर की नौकरी छोड़कर बने नेता, तोड़ा था राजघराने का राजनीतिक वर्चस्व

रायपुर। Dr Sakrajit Nayak : छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री डॉ. शक्राजीत नायक का शनिवार को दिल का दौरा पड़ने की वजह से निधन हो गया। वह 78 वर्ष के थे। साल 2001 से 2003 के बीच अजीत जोगी के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार में वे सिंचाई मंत्री रह चुके थे। इस दौरान वे रायगढ़ क्षेत्र से विधायक से वर्तमान में उनके पुत्र प्रकाश नायक रायगढ़ से विधायक और पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष हैं।

डॉक्टर नायक कुछ दिनों पूर्व कोरोनावायरस संक्रमण की चपेट में आए थे और इस बीमारी को मात देने के बाद वह घर पर रह रहे थे। इसी दौरान सीने में तकलीफ की शिकायत पर उन्हें रायपुर के एक निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया था, जहां हृदय गति रुकने से शनिवार की सुबह उनका निधन हो गया। डॉ. शक्राजीत नायक का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव रायगढ़ के बरमकेला के ग्राम नवापल्ली में किया जाएगा।

डॉ. नायक सरिया व रायगढ़ से तीन बार विधायक चुने गए थे। पहली दो बार भाजपा और फिर कांग्रेस से चुनाव लड़े। वे साल 2001 से 2003 तक अजीत जोगी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। राजनीति में आने से पहले डॉक्टर नायक नागपुर विश्वविद्यालय में एंटोंमोलॉजी (कीट विज्ञान) विभाग के प्रोफेसर थे। 1990 में उन्होंने नौकरी छोड़कर राजनीति का रुख किया और सरिया विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर सारंगढ़ राजघराने की प्रत्याशी कमला देवी के खिलाफ चुनाव लड़ा। इस चुनाव में वे विजई रहे और इस तरह से इस विधानसभा सीट पर राजघराने का लंबा राजनीतिक वर्चस्व टूट गया।

शुरुआत से भाजपा के कद्दावर नेताओं में पहचाने जाने वाले डॉक्टर नायक ने अजित जोगी की सरकार बनने पर 12 विधायकों के साथ भाजपा छोड़कर कांग्रेस प्रवेश किया और जलसंसाधन मंत्री बने। पिछले करीब एक दशक से वे सक्रिय राजनीति से दूर थे।

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