Digital Revolution: डिजिटल स्पेस में आने वाली है नई क्रांति, जानिए कैसा होगा 6G टेक्नोलॉजी का स्वरूप ?

Digital Revolution: डिजिटल स्पेस में आने वाली है नई क्रांति, जानिए कैसा होगा 6G टेक्नोलॉजी का स्वरूप ?

Digital Revolution: संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत ने स्वदेशी रूप से विकसित 6G बुनियादी ढांचे का उपयोग करके संचार प्रौद्योगिकी की अगली पीढ़ी को विकसित करने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। इसके 2023 के अंत या 2024 की शुरुआत में लॉन्च होने की संभावना है।

डिजिटल स्पेस में नई क्रांति
हालांकि 5G अभी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है। 6G मानव, भौतिक वातावरण और आभासी वातावरण (वर्चुअल एनवायरमेंट) को एक साथ लाएगा। उदाहरण के लिए, मेटावियर्स 5G उपयोग के मामलों में से एक है। यह पारंपरिक और साथ ही डिजिटल स्पेस में क्रान्ति लाने का दावा करता है। 6G के लॉन्च के साथ, मेटावर्स एक अंतिम मॉडल के रूप में विकसित होगा, लेकिन यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और मशीन लर्निंग का उपयोग करके भौतिक दुनिया के साथ भी जुड़ जाएगा। 6G का सबसे महत्वपूर्ण पहलू इसकी पर्यावरण, लोगों और वस्तुओं को समझने की क्षमता होगी।

6G नेटवर्क क्या है?
6G दूरसंचार में छठी पीढ़ी का मानक है। यह वर्तमान में वायरलेस संचार प्रौद्योगिकियों के विकास के अधीन है जो सेलुलर डेटा नेटवर्क का समर्थन करती हैं। यह 5G नेटवर्क का नियोजित उत्तराधिकारी है। यह नेटवर्क संभवत: ब्रॉडबैंड सेलुलर नेटवर्क होगा। इसमें सेवा क्षेत्र को छोटे-छोटे भौगोलिक क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है जिन्हें सेल कहते हैं। नोकिया एरिक्सन सैमसंग हुआइ, साओमी, एलजी और एप्पल जैसी कंपनियों के साथ-साथ चीन, जापान और सिंगापुर जैसे देशों ने 6-जी नेटवर्क विकसित करने में रुचि दिखाई है।

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नेटवर्क का महत्व
6G नेटवर्क अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में और भी अधिक विविधता प्रदर्शित करने की संभावना रखता है। यह वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी, सर्वव्यापी तत्काल संचार, और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे मौजूदा मोबाइल उपयोग परिदृश्यों से परे एप्लीकेशन्स का समर्थन करने की उम्मीद है।

वर्तमान स्थिति
सिंगापुर के नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी और जापान के ओसाका विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने संयुक्त रूप से 2020 में घोषणा की कि, उन्होंने टेराहर्ट्ज़ तरंगों के लिए एक चिप विकसित की है, जिसका उपयोग 6G तकनीक में किया जा सकता है। चीन ने 6 नवंबर, 2020 को लॉन्ग मार्च 6 वाहन रॉकेट का उपयोग करके कक्षा में 6G टेक्नोलॉजी के लिए उम्मीदवारों के साथ एक प्रयोगात्मक परीक्षण उपग्रह सफलतापूर्वक लॉन्च किया।

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