Democratization of Chip Designing in India: अब देश में कोई भी, कहीं भी डिजाइन कर सकेगा सेमीकंडक्टर चिप, 120 शैक्षणिक संस्थानों में तैयार होंगे 85000 प्रोफेशनल्स

Democratization of Chip Designing in India: अब देश में कोई भी, कहीं भी डिजाइन कर सकेगा सेमीकंडक्टर चिप, 120 शैक्षणिक संस्थानों में तैयार होंगे 85000 प्रोफेशनल्स

Democratization of Chip Designing in India: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) अपने क्रमिक और सक्रिय प्रयासों की श्रृंखला के साथ, रचनात्मक सक्षमता के युग की शुरुआत करने के लिए देश भर के 120 प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में सेमीकंडक्टर डिजाइन परिकल्पना के व्यवस्थित कायाकल्प की प्रक्रिया में है, जहां कोई भी व्यक्ति कुदरती कौशल के साथ, देश में कहीं से भी सेमीकंडक्टर चिप्स डिजाइन कर सकता है। इस प्रक्रिया में, चिप डिजाइन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना – भारत में डिजाइन करना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि मेक इन इंडिया के अनुरूप लोकतांत्रिक बनाया जाएगा।

चिप डिजाइन को एक रणनीतिक आवश्यकता के रूप में समझते हुए, एमईआईटीवाई द्वारा पहले वर्ष 2021 में चिप्स टू सिस्टम डिजाइन (एसएमडीपी-सी2एसडी) के लिए विशेष जनशक्ति विकास कार्यक्रम के अंतर्गत एक प्रमुख परियोजना का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था, जिसमें सी-डैक में एक केंद्रीकृत डिजाइन सुविधा को दूरस्थ स्थानों पर चिप्स डिजाइन करने के लिए 60 शैक्षणिक संस्थानों में 50,000 से अधिक इंजीनियरिंग विद्यार्थियों के लिए सक्षम किया गया था। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय की अगले 5 वर्षों के लिए डिजाइन क्षेत्र में अब देश भर के 120 शैक्षणिक संस्थानों में 85000 से अधिक बी.टेक, एम.टेक और पीएचडी छात्रों को चिप में प्रशिक्षित करने के लिए सी-डैक में इंडिया चिप सेंटर सेटअप में उपलब्ध कराए जाने के लिए एक केंद्रीकृत चिप डिजाइन बुनियादी ढांचे को सुलभ बनाने की योजना है।

Democratization of Chip Designing in India
Democratization of Chip Designing in India

इंडिया चिप सेंटर (सी-डैक) में चिप डिजाइन अवसंरचना उपलब्ध कराने के लिए ईडीए (इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन ऑटोमेशन), इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर एडेड डिजाइन (ईसीएडी), आईपी कोर और डिजाइन समाधान उद्योग जगत के प्रमुख उद्योग विक्रेताओं के साथ भागीदारी की जा रही है। सिनोप्सिस, केडेंस डिजाइन सिस्टम, सीमेंस ईडीए, सिल्वाको और अन्य प्रमुख उपकरण विक्रेताओं, आईपी और डिज़ाइन समाधान प्रदाताओं तथा फैब एग्रीगेटर्स के साथ विशिष्ट सहयोगात्मक व्यवस्थाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।

इंडिया चिप सेंटर (सी-डैक) में आयोजित केंद्रीकृत डिजाइन सुविधा में न केवल पूरे चिप डिजाइन चक्र (यानी डिजिटल, एनालॉग, आरएफ और मिश्रित सिग्नल डिजाइन के लिए फ्रंट-एंड डिजाइन, बैक-एंड डिजाइन, पीसीबी डिजाइन और विश्लेषण आदि) के लिए सबसे उन्नत उपकरण, 7 एनएम या उन्नत नोड तक जा रहे हैं, बल्कि उद्योग के पेशेवरों द्वारा डिजाइन प्रवाह पर प्रशिक्षक के नेतृत्व वाले / ऑनलाइन प्रशिक्षण की व्यवस्था भी अगले 5 वर्षों के लिए उपलब्ध कराई जा रही है।

इंडिया चिप सेंटर (सी-डैक) में यह केंद्रीकृत केन्द्र, मौजूदा केंद्रों में सबसे विशाल है, जो अधिकतम डिजाइन प्रवाह की पेशकश करता है, जिसका उद्देश्य 120 शैक्षणिक संस्थानों में 85,000 से अधिक विद्यार्थियों के पास चिप डिजाइन के बुनियादी ढांचे को पहुंचाना है। इसका लाभ उठाते हुए, कई शैक्षिक स्टार्ट-अप्स देश भर में विकसित होंगे, प्रारंभिक प्रवेश बाधाओं को पार करेंगे और स्वदेशी आईपी कोर, चिप्स, सिस्टम ऑन चिप (एसओसी), दुनिया के लिए भारत में 5जी/आईओटी, एआई/एमएल, ऑटोमोटिव और मोबिलिटी सेक्टर आदि जैसे विभिन्न अनुप्रयोग क्षेत्रों के लिए सिस्टम बनाने वाले देश में उद्यमिता / स्टार्टअप के नेतृत्व वाले डिजाइन और नवाचार ईकोसिस्टम का मार्ग प्रशस्त करेंगे।

पिछले सप्ताह सेमीकॉन इंडिया 2022 सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, अधिकांश वैश्विक सेमीकंडक्टर कम्पनियों (जैसे इंटेल, माइक्रोन, क्वालकॉम, एलएएम रिसर्च आदि) ने न केवल  भारतीय अनुसंधान एवं विकास केंद्रों के योगदान पर प्रकाश डाला, जो अब अपने मुख्यालय स्थानों से बाहर सबसे बड़े केंद्र हैं, बल्कि हमारे देश में सेमीकंडक्टर डिजाइन की शक्ति को भी स्वीकार किया, जो अब दुनिया के 20 प्रतिशत इंजीनियरों के लिए केंद्र स्थल है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने चिप्स टू स्टार्टअप (सी2एस) कार्यक्रम और सेमीकंडक्टर नीति में अन्य पहलों के माध्यम से भारत को सेमीकंडक्टर हब में बदलने के लिए अत्यधिक कुशल इंजीनियरों का एक डिज़ाइन टैलेंट पूल उपलब्ध कराने की कल्पना की है। यह देश में इनमें से कुछ चिप्स के पूर्ण स्वामित्व के साथ सेमीकंडक्टर दिग्गजों के लिए अग्रणी-किनारे वाले चिप्स को डिजाइन करने वाले भारतीय प्रतिभा पूल को मजबूत और पूरक करेगा। सेमीकॉन इंडिया 2022 सम्मेलन में उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत का लोकतंत्र और प्रतिभा पूल इसे चिप संप्रभुता के लिए लड़ने वाले अन्य देशों से अलग करता है।

भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को उत्प्रेरित करने के उद्देश्य से डिजिटल इंडिया आरआईएससी-वी (डीआईआर-वी) कार्यक्रम सहित इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर द्वारा पिछले सप्ताह सेमीकॉन इंडिया 2022 सम्मेलन में कई सह-विकास समझौतों की घोषणा की गई थी। इन घोषणाओं में इस तथ्य के साथ कि भारत ने इस सप्ताह यूनिकॉर्न का शतक बनाया है और देश भर में चिप डिजाइन को लोकतांत्रिक बनाने के लिए उठाए गए कदम देश में सेमीकंडक्टर डिजाइन स्पेस से स्टार्टअप्स और यूनिकॉर्न के अगले समूह को तैयार करने में सहयोग करेंगे।

राष्ट्रीय विज्ञान तकनीकी