Ambikapur: मां महामाया एयरपोर्ट पर जल्द आकार लेगा नया भवन, CM बघेल ने किया भूमिपूजन

Ambikapur: मां महामाया एयरपोर्ट पर जल्द आकार लेगा नया भवन, CM बघेल ने किया भूमिपूजन

रायपुर/ अंबिकापुर। Chhattisgarh: उत्तर-छत्तीसगढ़ में एयर-कनेक्विटी के लिए एक और कदम बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 44 करोड़ रुपए की लागत से अंबिकापुर के मां महामाया एयरपोर्ट के उन्नयन कार्य का भूमिपूजन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरगुजा में हवाई-सेवाएं शुरु होने ने अंबिकापुर, बलरामपुर, सूरजपुर, कोरिया, जशपुर का विकास तो तेज होगा ही, पूरे प्रदेश के विकास को और अधिक गति मिलेगी। उत्तर छत्तीसगढ़ में एयर कनेक्टिविटी केवल सरगुजा संभाग के लोगों का ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ का सपना है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में सरगुजा और बलरामपुर-रामानुजगंज जिले को 324 करोड़ 42 लाख रुपए की लागत के 302 कार्याें की सौगात दी। उन्होंने सरगुजा जिले में 247 करोड़ 91 लाख रुपए के 107 विभिन्न विकास कार्यों का और रामानुजगंज-बलरामपुर जिले में 76 करोड़ 51 लाख 88 हजार रूपए के 195 विकास कार्यों का वर्चुअल लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि हवाई-सेवा शुरु होने से सरगुजा सहित पूरे छत्तीसगढ़ में विकास और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। अम्बिकापुर से रायपुर और बनारस का सफर भी आसान हो जाएगा। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि बिलासपुर के लोग भी कई वर्षों से वहां हवाई-सेवा शुरु करने की मांग कर रहे थे। जब हमारी सरकार बनी तो उनके इस सपने को पूरा करने के लिए युद्धस्तर पर काम किया गया। आज बिलासपुर के लोगों का सपना साकार हो चुका है। बिलासपुर के बिलासा बाई केंवट एयरपोर्ट से प्रयागराज, दिल्ली और जबलपुर के लिए हवाई-सेवा शुरु हो चुकी है। इसी तरह जगदलपुर के मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट से हैदराबाद और रायपुर के लिए नियमित उड़ानें हैं। वहां भी हवाई सुविधाओं के और विस्तार के लिए काम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकास योजना शुरु की गई। पहले चरण में कोरिया से लेकर सुकमा तक 9 पर्यटन केंद्रों में सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। इनमें सरगुजा का रामगढ़ और कोरिया का सीतामढ़ी-हरचौका भी शामिल है। सरगुजा का मैनपाट तो अपनी सुंदरता और संस्कृति के लिए पहले से प्रसिद्ध है। नयी सुविधाओं के विकास से उसकी प्रसिद्धी और बढ़ जाएगी। हम पर्यटकों को सिर्फ अपनी प्राकृतिक-सुंदरता और संस्कृति मात्र नहीं दिखाना चाहते, हम उन्हें अपने गांव, खेत और समृद्धि भी दिखाना चाहते हैं। वह दिन भी आएगा, जब लोग हमारे गौठान देखने के लिए भी छत्तीसगढ़ आएंगे।

अंबिकापुर छत्तीसगढ़