COVID- 19 के नियंत्रण में कारगर साबित नहीं हो रही रेमडेसिवीर, उपयोग पर लग सकती है रोक

COVID- 19 के नियंत्रण में कारगर साबित नहीं हो रही रेमडेसिवीर, उपयोग पर लग सकती है रोक

नई दिल्ली। COVID- 19 : देश में इस समय कोरोनावायरस संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीनेशन का काम बहुत तेजी के साथ चल रहा है। 5 अलग-अलग कंपनियों की वैक्सीन का देश में ट्रायल चल रहा है और इसके नतीजे भी अब सामने आने लगे हैं। वैक्सीनेशन प्रोग्राम की शुरुआत से ही जिस रेमडेसिवीर वैक्सीन पर भरोसा जताया रहा जा रहा था, अब उसे लेकर बड़ा बयान सामने आ रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि रेमडेसिवीर वैक्सीन कोरोनावायरस संक्रमण के नियंत्रण में कोई खास प्रभाव नहीं दिखा पाई है और अब हो सकता है कि प्लाजमा थेरेपी की तरह ही रेमडेसिवीर वैक्सीन का प्रयोग भी बंद कर दिया जाए।

प्लाज्मा थेरेपी को कोरोना के इलाज से हटाने के फैसले के बाद जल्द ही अब रेमडेसिविर इंजेक्शन को भी हटाने पर जल्द फैसला लिया जा सकता है। दिल्ली में सर गंगाराम अस्पताल के चेयरपर्सन डॉ. डीएस राना ने मंगलवार को कहा कि कोरोना ट्रीटमेंट से रेमडेसिविर को भी जल्द हटाने पर विचार चल रहा है।

कोरोना संक्रमित मरीजों पर इसके बेहतर प्रभाव को लेकर कोई सबूत सामने नहीं आए हैं। इसलिए इस दवा को कारगर नहीं माना जा सकता। ICMR की अडवाइजरी पर प्लाज्मा थेरेपी को कोरोना उपचार से हटा दिया गया है और अब पूरी संभावना है कि रेमडेसिविर को भी इससे हटा दिया जाए।

कोरोना संक्रमण के दौरान प्लाज्मा थेरेपी और रेमडेसिविर दोनों की डिमांड इतनी बढ़ गई थी कि केंद्र सहित कई राज्य सरकारों ने कोरोना संक्रमितों को प्लाज्मा दान करने के लिए जागरुकता अभियान चलाया था। दूसरी तरफ रेमडेसिविर की डिमांड इतनी ज्यादा तेज हो गयी थी कि इस दवा की मांग ब्लैक मार्केट में बढ़ गई थी। सरकार को इसकी कालाबाजारी रोकने के लिए कड़े फैसले लेने पड़े साथ ही कंपनी को इसकी डिमांड पूरी करने के लिए उत्पादन बढ़ाने पर भी जोर देना पड़ा। कंपनी रेमडेसिविर के उत्पादन पर फोकस कर रही है।

रेमडेसिवीर की लगातार बढ़ती मांग पर इस नए बयान का क्या असर पड़ेगा कहना मुश्किल है, हालांकि पर भी केंद्र सरकार ने यह बयान जारी किया था कि रेमडेसिविर कोरोना संक्रमण के इलाज में खास कारगर नहीं है, इसके बावजूद भी दवा की मांग पर इसका खास असर नहीं हुआ। सरकार ने इसके बाद दवा की कालाबाजारी को रोकने के लिए इसके इस्तेमाल को लेकर नियम बनाये, अस्पतालों में कैसे इसका इस्तेमाल होगा, क्या रणनीति होगी इसे तय किया।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य