प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने चौरी-चौरा कांड के सौ साल पूरे होने पर हमारे स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को स्मरण किया है। उन्होंने पिछले साल के अपने भाषण को भी साझा किया जब इस घटना का शताब्दी समारोह शुरू हुआ था।

प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा;
‘‘आज चौरी-चौरा कांड के सौ साल पूरे हो रहे हैं। मैं पिछले साल का अपना भाषण साझा कर रहा हूं, जब इस घटना का शताब्दी समारोह शुरू हुआ था। मैंने हमारे स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को स्मरण करने सहित कई विषयों के बारे में बात की।’’
चौरी चौरा जनाक्रोश 4 फरवरी 1922 को ब्रिटिश भारत में संयुक्त राज्य के गोरखपुर जिले के चौरी चौरा में हुई थी, जब असहयोग आंदोलन में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा समूह पुलिस के साथ भिड़ गया था। जवाबी कार्रवाई में प्रदर्शनकारियों ने हमला किया और एक पुलिस स्टेशन में आग लगा दी थी, जिससे उनके सभी कब्जेधारी मारे गए। इस घटना के कारण तीन नागरिकों और 22 पुलिसकर्मियों की मृत्यु हुई थी। महात्मा गांधी, जो हिंसा के घोर विरोधी थे, ने इस घटना के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में 12 फरवरी 1922 को राष्ट्रीय स्तर पर असहयोग आंदोलन को रोक दिया था।