Chhattisgarh: यहां उपेक्षा का शिकार हो रही शिक्षा,10 साल पहले जर्जर घोषित हुआ प्राथमिक शाला भवन, कोई सुध लेने वाला नहीं

Chhattisgarh: यहां उपेक्षा का शिकार हो रही शिक्षा,10 साल पहले जर्जर घोषित हुआ प्राथमिक शाला भवन, कोई सुध लेने वाला नहीं

रायगढ़। Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार एक तरफ स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अभियान चला रही है वहीं दूसरी तरफ राज्य में दूरस्थ इलाकों के कुछ स्कूल ऐसे हैं जो जर्जर भवनों के चलते बंद पड़े हैं। छात्रों को पठन-पाठन के लिए किसी दूसरे शासकीय भवन में अस्थाई रूप से स्कूल का संचालन किया जा रहा है। इस स्थिति से जूझ रहे बहुत से बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हो रहे हैं।

कुछ ऐसी ही हालत रायगढ़ जिले के घरघोड़ा तहसील के ग्राम पंचायत अमलीडीह अंतर्गत आने वाले ग्राम सुमड़ा के शासकीय प्राथमिक विद्यालय की भी है। इसी प्राथमिक शाला के पास स्थित आंगनबाड़ी भवन भी पूरी तरह जर्जर हो चुका है। पिछले 10 वर्षों से इस स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र में ताला लटका हुआ है और बच्चों के लिए एक अन्य शासकीय भवन में अस्थाई रूप से विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। सिर्फ एक कमरे में विद्यालय संचालित हो रहा है जिससे बच्चों की पढ़ाई सही तरीके से नहीं हो पा रही। इस इलाके के बच्चे इस अव्यवस्था की वजह से अच्छी शिक्षा से वंचित हैं। भवन के चारों और बाउंड्री वाल का काम भी 10 वर्षों पूर्व शुरू हुआ था, लेकिन वह आज तक अधूरा पड़ा है।

स्थानीय अभिभावक इस समस्या को लेकर अपने बच्चों के भविष्य के प्रति बेहद परेशान हैं। का कहना है कि इस बारे में कई बार आवेदन दिया गया है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नही हुई है। विकास खंड शिक्षा अधिकारी के ऑफिस जाने से वहां भी कोई सुनवाई नहीं होती और अफसर डांट कर भगा देते हैं।

प्राथमिक शाला सुमड़ा के बगल में अवैध कब्जा हो रहा है। स्कूल भवन के बगल में आंगनवाड़ी केन्द्र है, जहां हमेशा पानी भरा रहता है। पंचायत के पदाधिकारियों को भी इस समस्या से कई बार अवगत कराया जा चुका है लेकिन उनकी तरफ से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती। कुल मिलाकर इस गांव में बच्चों की शिक्षा उपेक्षा का शिकार हो रही है।

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