Chhattisgarh: कोरिया पुलिस के कथित सोशल मीडिया चैट पर खबर प्रकाशित करने वाले पत्रकार के खिलाफ ही दर्ज कर दिया अपराध, महिला सहकर्मी और नाबालिक से भी बदसलूकी

Chhattisgarh: कोरिया पुलिस के कथित सोशल मीडिया चैट पर खबर प्रकाशित करने वाले पत्रकार के खिलाफ ही दर्ज कर दिया अपराध, महिला सहकर्मी और नाबालिक से भी बदसलूकी

बैकुंठपुर। Chhattisgarh: कोरिया पुलिस के कुछ कर्मचारियों और अधिकारियों की कथित व्हाट्सएप पर आपसी बातचीत चैटिंग पीडीएफ सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद इस पर खबर प्रकाशित करने वाले स्थानीय पत्रकार रवि रंजन सिंह के खिलाफ पुलिस ने कई गंभीर धाराओं में अपराध कायम किया है।

बता दें कि कुछ दिनों पहले ब्रेकिंग न्यूज़ नाम के लोकल व्हाट्सएप ग्रुप पर एक पीडीएफ फाइल साझा की गई थी, जिसमें कुछ लोगों की आपसी बातचीत लिखित रूप में थी। इस चैट को वायरल करने वाले का दावा है, यह पुलिस कर्मियों की आपसी बातचीत की चैटिंग है। इस बातचीत के दौरान वरिष्ठ अधिकारी और समुदाय विशेष के बारे में आपत्तिजनक बातें कही गई थीं। इस व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े एक पत्रकार ने इस पर स्थानीय अखबार में खबर प्रकाशित की थी। जिसके बाद स्थानीय आदिवासी समुदाय की ओर से आपत्ति दर्ज कराते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले व्यक्ति पर कार्रवाई की मांग की गई थी।

इधर जिन पुलिसकर्मियों के बीच का यह आपसी संवाद बताया जा रहा था उनमें से एक उप निरीक्षक ने इसे फर्जी और कूट रचित बताते हुए छवि धूमिल करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की, जिसके बाद पत्रकार रवि रंजन सिंह के खिलाफ विभिन्न गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज कर लिया गया, जबकि चैट वायरल करने वाले व्यक्ति के नंबर की जांच करने पर वह किसी अन्य का पाया गया।

बाद में पत्रकार रवि रंजन सिंह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने। देर रात उनकी एक महिला सहकर्मी के घर पर दबिश दी जो घर में अकेली अपने 15 वर्षीय बेटे के साथ रहती हैं। सूरजपुर जिले में बिना सर्च वारंट की एक महिला के घर देर रात पहुंची कोरिया पुलिस टीम में महिला और उसके बच्चे को वहां से पटना लाकर काफी देर पूछताछ की। इस संबंध में महिला का एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में महिला, पुलिस पर डराने धमकाने और रवि सिंह के खिलाफ झूठा आरोप लगाकर उसे फंसाने के लिए दबाव डालने की बात कह रही है।

(स्रोत- घटती घटना)

फिलहाल इस मामले में अब तक पत्रकार रवि रंजन सिंह के पक्ष में मीडिया साथियों के अलावा कोई भी खड़ा दिखाई नहीं पड़ रहा है और वे लगातार राजनीति और पुलिसिया दबाव का शिकार बनते जा रहे हैं। स्थानीय पत्रकारों के एक दल ने इस मामले में आईजी और एसपी से भी शिकायत दर्ज कराई है, साथ ही कुछ जनप्रतिनिधियों से भी मुलाकात की है। यहां गौरतलब है कि जिस वायरल चैटिंग को फर्जी बताकर खारिज किया जा रहा है उनमें जिन पुलिस वालों के नाम सामने आए हैं उनमें से एक के खिलाफ कई पहले भी कई बार गंभीर शिकायतें आई हैं और एसीबी में उसके खिलाफ जांच लंबित है।

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