नई दिल्ली। प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और रक्षाकर्मियों के पार्थिव शरीर नई दिल्ली के पालम हवाई अड्डे पहुंच गए हैं। उन्हें सुलूर से भारतीय वायु सेना के विमान से लाया गया है। दिवंगतजनों के पार्थिव शरीर साढे आठ बजे से श्रद्धांजलि के लिए रखे जाएंगे।
आम नागरिक कल सुबह 11 बजे से दोपहर साढे 12 बजे तक जनरल बिपिन रावत को श्रृद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे। सैन्यकर्मी दोपहर साढे 12 बजे से डेढ बजे तक श्रृद्धांजलि अर्पित करेंगे। उसके बाद पार्थिव शरीर बरार स्क्वायर श्मशानग्रह ले जाए जाएंगे।
सेना ने कहा है कि अब तक केवल जनरल बिपिन रावत, मधुलिका रावत और ब्रिगेडियर एल एस लिड्डर के शवों की ही पहचान की गई है। सम्बंधित परिवारों की इच्छा के अनुसार अंतिम संस्कार के लिए पार्थिव शरीर निकट सम्बंधियों को सौंपे जाएंगे।
शवों को पहचानने की प्रक्रिया जारी है। पहचान की सभी औपचारिकताएं पूरी होने तक उन्हें सेना के बेस अस्पताल के शवग्रह में रखा जाएगा। निकट परिजनों से विचार-विमर्श के बाद समुचित सैन्य सम्मान के साथ उनके अंतिम संस्कार की योजना बनाई जा रही है।
इस्राइल के प्रधानमंत्री नेफ्ताली बेनेट ने कहा है कि जनरल बिपिन रावत सच्चे नेता थे और इस्राइल के बेहतरीन दोस्त थे। इस्राइल ने देश के पहले रक्षा प्रमुख बिपिन रावत की दु:खद मृत्यु पर भारत सरकार और लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। नेफ्ताली बेनेट ने एक ट्वीट में कहा कि वे उन सभी लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं, जिनकी भारत में हैलिकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई।
हेलीकॉप्टर दुर्घटना में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और ग्यारह अन्य कर्मियों के निधन पर आज संसद के दोनों सदनों में दो मिनट का मौन रखा गया। लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना पर बयान दिया। उसके बाद श्री सिंह ने राज्यसभा में भी बयान दिया।
राज्यसभा में उपसभापति हरिवंश ने कहा कि देश ने आसाधारण सैनिक खो दिया है। उन्होंने कहा कि जनरल रावत को 11वीं गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन में 16 दिसम्बर 1978 को कमिशन मिला था।
उन्होंने कहा कि जनरल रावत को सेना में चार दशक की सेवा के दौरान विभिन्न मौर्चों पर व्यापक संचालन अनुभव हासिल था। उन्होंने कहा कि जनरल रावत ने कॉन्गो लोकतांत्रिक गणराज्य में मल्टी नेशनल ब्रिगेड की कमान भी सम्भाली थी।
जनरल रावत के योगदान को स्मरण करते हुए श्री हरिवंश ने कहा कि उन्होंने देश के सुरक्षा ढांचे में क्रांतिकारी सुधार किए। उन्होंने कहा कि जनरल रावत देश के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष थे। उपसभापति ने कहा कि जनरल रावत को अनेक वीरता पदक और विशिष्ट सेवा पदक प्रदान किए गए।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने देश के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष के रूप में जनरल रावत के योग्दान की प्रशंसा की।