CBA Act 1957: कोल खनन से अनुपयोगी हो चुकी जमीन को उपयोगी बनाने के लिए केंद्रीय मंत्रीमंडल से मिली इस अधिनियम को मंजूरी

CBA Act 1957: कोल खनन से अनुपयोगी हो चुकी जमीन को उपयोगी बनाने के लिए केंद्रीय मंत्रीमंडल से मिली इस अधिनियम को मंजूरी

नई दिल्ली। CBA Act 1957: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोयले वाले क्षेत्र (अधिग्रहण और विकास) अधिनियम- सीबीए अधिनियम, 1957 के अंतर्गत अधिग्रहीत भूमि के उपयोग की नीति को स्‍वीकृति दे दी है। यह ऐसी जमीन के उपयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए किया गया है जहां से कोयला निकाला जा चुका है या व्यावहारिक रूप से अनुपयुक्त हैं। इससे कोयला खनन और कोयला क्षेत्र में निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

फोटो श्रोत- गूगल

सरकारी कोयला कंपनियों- कोल इंडिया लिमिटेड और इसकी सहायक कंपनियां सीबीए अधिनियम के अंतर्गत अधिग्रहित इन जमीन की मालिक बनी रहेंगी। सरकारी कोयला कंपनियां कोयला और ऊर्जा संबंधी बुनियादी ढांचा विकास गतिविधियों के लिए संयुक्त परियोजनाओं में निजी पूंजी लगा सकती हैं। यह नीति घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करके, आयात निर्भरता को कम करके और रोजगार सृजन से आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने में मदद करेगी।

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