मुंबई। Bollywood : अभिनेता अनुपम खेर ने 25 मई को हिंदी सिनेमा में 37 साल पूरे किए। इन 37 सालों में उन्होंने मुख्य अभिनेता के अलावा सहायक अभिनेता, नकारात्मक किरदार, कॉमेडी किरदार सहित कई रोल अदा किए और हर एक किरदार के साथ उन्होंने न्याय किया। अनुपम के 37 साल के इस फिल्मी करियर में उनकी डेब्यू फिल्म सारांश का महत्व शायद सबसे ज्यादा रहा। यही वह फिल्म थी जिसने एक नवोदित अभिनेता को एक परिपक्व अभिनेता के रूप में बॉलीवुड में स्थापित कर दिया था।
साल 1984 में आई इस फिल्म में 28 साल के युवा अनुपम खेर ने एक बुजुर्ग पिता की भूमिका निभाई थी। इस किरदार में अनुभव अनुपम ने अपने अभिनय से जान डाल दी थी। फिल्म में उनके अभिनय को पूरे देश ने सराहा। फिल्म के पर्दे पर 37 साल के अभिनय का सफर पूरा कर चुके अनुपम अपनी पहली फिल्म के उस किरदार को याद कर भावुक हो उठे। उन्होंने ट्वीट करते हुए पहली फिल्म का छोटा सा क्लिप साझा किया है और इसी के साथ अटैच कर एक और क्लिप साझा की है, जिसमें उन्होंने उसी सीन को रीक्रिएट किया है। इस वीडियो के साथ उन्होंने खास कैप्शन भी लिखा है।
जैसे ही सिनेमा में मेरे 37वें वर्ष का दिन समाप्त हो रहा है, ये रहे #सारांश के एक ही दृश्य के मेरे दो प्रदर्शन। एक 1984 से और दूसरा 2021 से। आपको कौन सा बेहतर लगता है? ’84’ के लिए ‘लाइक’ और ’21’ के लिए ‘आरटी’ दबाएं। साथ ही इन सभी वर्षों में आपके प्यार के लिए धन्यवाद। जय हो!
फिल्म सारांश में अनुपम खेर ने एक ऐसे पिता का किरदार निभाया था, जिसके बेटे का निधन हो जाता है। फिल्म का निर्देशन महेश भट्ट ने किया था। इस फिल्म में पहले अनुपम खेर को कास्ट किया गया था, लेकिन इसके बाद फिल्म में अनुभवी एक्टर संजीव कुमार को लेने का फैसला किया गया। बाद में यह किरदार अनुपम खेर को ही मिला और उन्होंने इसके साथ पूरा न्याय किया। उस समय नवोदित अनुपम खेर के साथ-साथ महेश भट्ट के लिए भी या फिर एक माइलस्टोन साबित हुई।