Bird’s Village: एक ऐसा गांव जहां हर शाख पर परिंदों का बसेरा

Bird’s Village: एक ऐसा गांव जहां हर शाख पर परिंदों का बसेरा

रायपुर। Bird’s Village: Chhattisgarh: एक ऐसा गांव जहां लगे हर पेड़ पर बड़ी संख्या में पक्षी अपना डेरा जमाते हैं। बरसात शुरू होने के पहले आते हैं और दीवाली के साथ ही वापस लौट जाते हैं। ग्रामीण इनके आगमन को शुभ मानते हैं क्योंकि इनके आने के बाद बरसात शुरू हो जाती है। गर्मी से निजात मिलती है, खेतों को पानी मिलता है और खेती-किसानी शुरू हो जाती है।

Bird’s Village

जी हां, राजधानी रायपुर से 75 किमी दूर गरियाबंद जिले का छोटा सा गांव है लचकेरा। जहां सैंकड़ों सालों से ओपन बिल्डस्टॉर्क नामक प्रवासी पक्षी हजारों की संख्या में पहुंचते हैं। एक-एक पेड़ पर 50 से 100 परिंदे तक अपना घोंसला बनाते हैं। यहीं पर बच्चों को जन्म देते हैं और 5- 6 महीने बिताने के बाद अक्टूबर-नवंबर तक जब बच्चे उड़ान भरने के काबिल हो जाते हैं तो ये गांव को छोड़ देते हैं। पक्षी विशेषज्ञों की मानें तो इन्हें यहां पर प्रजनन के अनुकूल वातावरण मिलता है। पानी और घोंसला बनाने के लिए तिनके मिलते हैं। इसलिए ये यहां डेरा डालते हैं।

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रायपुर के यूट्यूबर कपल प्रशांत गुप्ता ‘यक़ीन’ और प्रियंका अग्रवाल गुप्ता ने अपने PP VLOGS पर परिंदों के गांव लचकेरा के दृश्यों के साथ यह ज्ञानवर्धक जानकारी देते हुए शानदार डॉक्यूमेंट्री तैयार की है।

Bird’s Village

पक्षियों को मारने पर 1000 रुपए अर्थदंड-

गांव के सरपंच उदय राम निषाद बताते हैं कि पूरा गांव पक्षियों की देखभाल करता है। मगर, कुछ साल पहले लोग खाने के लिए इनका शिकार करते हुए पाए गए थे। जिसके बाद पंचायत ने शिकार करने वाले पर 1000 रुपए अर्थदंड का प्रावधान कर दिया। तब से शिकार पूरी तरह से बंद है। कोई इन्हें किसी भी प्रकार की हानि नहीं पहुंचाता। ९२ वर्षीय पलटन निषाद कहते हैं कि मैं बचपन से पक्षियों को देखते आ रहा हूं। मैंने भी अपने बुजुर्गों से पूछा था कि पक्षी कब से आ रहे हैं, वे कहते थे जब से हम देखते आ रहे हैं।

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ओपनबिल्ड स्टॉर्क के बारे में
यह बड़ा पक्षी होता है, जो पहाड़ी क्षेत्रों को छोड़कर पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में बड़ी संख्या में पाया जाता है। इसके साथ ही थाइलैंड, चीन, वियतनाम, रूस में भी। लंबी गर्दन, लंबी टांगें व लंबी चोंच और चोंच के बीच खाली जगह के चलते इन्हें ओपनबिल कहा गया। ये मांसाहारी होते हैं, इन्हें घोंघा, मछली, केंचुए और जलीय जीव खाना पसंद है।

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