रायपुर। Balodabazar Crime: बलौदा बाजार जिले के कसडोल थाना क्षेत्र के ग्राम चकरवाय में दो मासूम बच्चों की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले 4 नाबालिग लड़कों को पुलिस ने गिरफ्तार कर अभिरक्षा में भेज दिया है। आम तोड़ने के मामूली विवाद पर नाबालिगों ने इस घटना को अंजाम दिया था।
घटना का खुलासा करते हुए एसएसपी दीपक झा ने एक प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि मामले में मृतक बच्चों और आरोपी बच्चों के मध्य आम तोड़ने की बात पर वाद विवाद हुआ था। वहीं घटना वाले दिन दोनों मृतक बच्चे नदी में नहा कर वापस घर आ रहे थे, इसी बीच उनका सामना आरोपी बच्चों से हो गया। जिसके बाद आरोपी अपचारी बालकों ने पहले हुए वाद विवाद की बात को लेकर मृतक बच्चों के साथ मारपीट करना शुरू कर दिया।

मारपीट से बचने के लिए दोनों मृतक बच्चे खेत की तरफ भागने लगे। आरोपी बालक भी मृतक बच्चों को पकड़ने के लिए इनके पीछे भागने लगे। गांव से कुछ दूर जाने के बाद इन चारों आरोपी बालकों ने दोनों मृतक बच्चों को घटनास्थल के पास घेरकर पकड़ा लिया। इसके बाद चारों अपचारी बालकों ने गुस्से में आकर पास में ही रखे लाठी से दोनों बच्चों को मारना शुरू कर दिया, जिससे घटनास्थल पर ही दोनों बच्चे शौर्य और लवेन्द्र की मृत्यु हो गई। आरोपी अपचारी बालकों से 2 नग लाठी बरामद की गई है।
पुलिस की अलग- अलग टीमों ने गांव में ही कैम्प कर घटनास्थल और आसपास के क्षेत्रों का गहन मुआयना कर रही थी, तो पुलिस की दूसरी टीम मृत बच्चों के परिवार वालों, रिश्तेदारों, बच्चों के दोस्तों और अन्य व्यक्तियों से लगातार पूछताछ कर रही थी। इसी दौरान प्रकरण में पता चला कि दोनों मृतक बालकों को आखिरी बार दोपहर में गांव से निकलते देखा गया था। इसी समय गांव के ही अन्य बालकों के भी नदी में नहाने जाने की जानकारी मिली थी, जिसमें शामिल 2 आरोपी अपचारी बालकों का दोनों मृत बालकों से आम तोड़ने की बात पर से वाद-विवाद हुआ था। उक्त अपचारी बालकों से लगातार मनोवैज्ञानिक रूप से पूछताछ करने पर इन बालकों ने दोनों बच्चों की हत्या करने की बात कबूल ली और प्रकरण में शामिल अपने अन्य 2 अपचारी आरोपी बालकों और घटना के संबंध में भी पूरी जानकारी दी।
इस दोहरे हत्याकांड को सुलझाने में रायपुर क्राइम ब्रांच की भूमिका रही है। इस मामले का खुलासा उल्लेखित थाना एवं चौकी प्रभारियों के नेतृत्व में प्रधान आरक्षक नवीन कुर्रे, जगदीश राठौर, धनंजय यादव, परमानंद रथ, संजय सोनी, आरक्षक मृत्युंजय महिलांगे, सुजीत तंबोली, रामलाल कैवर्त, राजेंद्र साहू, अमीर राय, सूरज पाटले, मनोज ब्रम्हे सहित रायपुर एन्टी क्राइम एवं साइबर यूनिट के सहायक उपनिरीक्षक शंकर लाल, आर. नोहर व धनंजय की महत्वपूर्ण भूमिका रही।